ईरानी प्रेसिडेंट रईसी को आखिरी विदाई देने जा सकते हैं उपराष्ट्रपति धनखड़, राजकीय शोक के बाद भारत का एक और कदम
Ebrahim Raisi Helicopter Crash: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अचानक निधन होने से पूरी दुनिया सदमे में है। वहीं ईरान में शोक की लहर है। इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को गुरुवार को दफनाया जाएगा। इसी बीच, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रईसी की अंतिम विदाई में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। धनखड़ के बुधवार को ईरान रवाना होने की उम्मीद है। रईसी के सम्मान में पूरे भारत में एक दिवसीय शोक रखा गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी के सम्मान में बुधवार को ईरान में सभी काम बंद रहेंगे। ईरान के उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को गुरुवार को पूर्वोत्तर शहर मशहद में दफनाया जाएगा। शोक समारोहों में भाग लेने के लिए अलग-अलग शहरों से आए हुए आग्रह को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार से शुक्रवार तक सभी स्टूडेंट्स के पेपर रद्द कर दिए गए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने सोमवार को इस घटना पर पांच दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन का हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद निधन हो गया। ईरान के मीडिया ने इस बात की पुष्टि सोमवार को सुबह दी थी। अजरबैजान से लौटते समय उनका हेलिकॉप्टर रविवार शाम करीब 7 बजे लापता हो गया था। हादसे में हेलिकॉप्टर सवार सभी 9 लोग मारे गए। हादसे के कई घंटों के बाद रेस्क्यू टीम ने हेलीकॉप्टर का मलबा ढूंढ निकाला।
डैम का उद्घाटन करके लौट रहे थे रईसी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 19 मई की सुबह अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक डैम का उद्घाटन करने गए थे। इसका निर्माण ईरान और अजरबैजान ने मिलकर किया है। लौटते वक्त उनके हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, तबरीज के इमाम मोहम्मद अली अलेहाशेम सवार थे। इनके अलावा इसमें हेलीकॉप्टर के पायलट और कोपायलट समेत कई लोग मौजूद थे। इन सबकी भी जान चली गई।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में इब्राहिम रईसी की मौत के बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने मोखबर को अंतरिम कार्यभार दिया है। खामनेई ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 131 के मुताबिक, मोखबर को यह कार्यभार दिया गया है। मोखबर को 50 दिनों के अंदर राष्ट्रपति के चुनाव करवाने होंगे।