UK Elections 2024: यूके में सत्ता हस्तांतरण भारत से कितना अलग? 'किसिंग द हैंड्स' सेरेमनी के बाद कीर स्टार्मर बनेंगे प्रधानमंत्री
UK Elections 2024: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मई के आखिरी हफ्ते में आम चुनाव की घोषणा की थी, और अब चुनाव के बाद आए नतीजों में उनकी पार्टी की करारी हार हुई है। सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी को 14 साल बाद लेबर पार्टी से हार का सामना करना पड़ा है। ब्रिटेन में बहुमत के लिए 326 सीटों का आंकड़ा हासिल करना होता है और लेबर पार्टी ने 410 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया है, जिसके बाद अब नेता कीर स्टार्मर ब्रिटेन की नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
चुनाव नतीजों के बाद नई सरकार के गठन के तहत अब ऋषि सुनक प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा देंगे और कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बनेंगे। ब्रिटेन में इस बार समय से पहले चुनाव हुए हैं। वहीं हाल ही में भारत में भी चुनाव कंप्लीट हुए हैं, जहां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार सत्ता संभाली है। ब्रिटेन और भारत में कई समानताए हैं लेकिन यहां चुनावी प्रक्रिया क्या है चलिए समझते हैं।
भारत में लोकसभा, ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन
हाल ही में भारत में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। भारत में 543 संसदीय क्षेत्रों में चुनाव होता है और बहुमत का आंकड़ा 272 का होता है, जिसे हासिल करने वाला सांसदों का दल एक नेता चुनता है। कुछ इसी तरह ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन होता है, जिसके 650 सदस्य चुनकर आते हैं, जिनका बहुमत 326 होता है। इसके बाद लीड करने वाली पार्टी का नेता पीएम पद का दावेदार हो जाता है। इसके अलावा आपको बता दें कि जैसे भारत में राज्यसभा होती है, वैसे ही ब्रिटेन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स होती है।
भारत में राष्ट्रपति दिलाते हैं शपथ
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भारत में पहले जीतने वाली पार्टी संसदीय दल का नेता चुनती है और राष्ट्रपति के पास सरकार बनाने का दावा पेश करती है। वहीं पार्टी द्वारा चुने गए नेता को भारत के राष्ट्रपति सरकार बनाने के लिए इनवाइट करते हैं। पिछले तीन बार से यह भी देखा गया है कि जब एनडीए के संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रण पर उनके पास गए तो राष्ट्रपति ने उनका मुंह भी मीठा किया था। इसके बाद राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री समेत उनकी पूरी कैबिनेट को शपथ दिलाई जाती है।
ब्रिटेन में कैसे बनती है नई सरकार?
भारत में जैसे राष्ट्रपति सरकार के सुप्रीम होते हैं, ठीक उसी तरह ब्रिटेन में राजतंत्र के साथ संसदीय प्रणाली काम करती है। इसमें फर्क यह कि ब्रिटेन में राजशाही सतत् चलती रहती है, जबकि भारत में प्रत्येक 5 वर्ष में राष्ट्रपति का भी चुनाव किया जाता है। ब्रिटेन की सरकार के गठन की बात करें, लेबर पार्टी की जीत के बाद कीर स्टार्मर प्रधानमंत्री बनेंगे। जैसे भारत में राष्ट्रपति सरकार बनाने का न्योता देते हैं, ठीक उसी प्रकार ब्रिटेन में किंग चार्ल्स (तृतीय) कीर स्टार्मर को सरकार बनाने का न्यौता देंगे।
सुनक का इस्तीफा और स्टार्मर की किंग से होगी मुलाकात
यह एक ऐसा क्षण है, जो इस तथ्य को प्रदर्शित करता है कि यूके में तकनीकी रूप से शासन का अधिकार शाही परिवार के पास ही है, जबकि वास्तविक राजनीतिक शक्ति संसद के निर्वाचित सदस्यों को हस्तांतरित कर दी जाती है। लंदन की सिटी यूनिवर्सिटी में राजशाही इतिहास की प्रोफेसर एन्ना व्हाइटलॉक ने प्रक्रिया को लेकर बताया है कि लेबर पार्टी को बहुमत मिलने के बाद नई सरकार के गठन की यह प्रक्रिया काफी तेजी से होगी। इसके लिए सबसे पहले सुनक बकिंघम पैलेस जाकर किंग चार्ल्स (तृतीय) को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और फिर नए पीएम के दावेदार स्टार्मर किंग चार्ल्स से मुलाकात करेंगे।
क्या होता है सत्ता हस्तांरण का आधिकारिक संकेत?
इस पूरी प्रक्रिया के तहत थोड़ा वक्त ऐसा होता है, जहां सारी सत्ता और पावर किंग के हाथ में होती है और संसदीय लोकतंत्र शून्य हो जाता है, लेकिन नए पीएम के दावेदार की किंग से मुलाकात के साथ ही यह शक्तियां तुरंत उनके पास चली जाती हैं। नए भावी प्रधानमंत्री बकिंघम पैलेस में 'किसिंग द हैंड्स' सेरेमनी में शामिल होते हैं।
क्या होती है 'किंसिंग द हैंड्स' सेरेमनी?
किसिंग द हैंड्स सेरेमनी की बात करें तो इसमे असल में कोई किस नहीं होता है। इसकी प्रक्रिया यह है कि जब किंग भावी प्रधानमंत्री को सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं, तो भावी पीएम उनसे मिलकर, झुककर किंग या क्वीन से हाथ मिलाते हैं। इस प्रक्रिया की तस्वीर क्लिक की जाती है, जो कि सत्ता हस्तांतरण की निशानी मानी जाती है, जो कि 'किसिंग द हैंड्स' सेरेमनी कहलाती है। हालांकि किंग और नए प्रधानमंत्री के बीच क्या बातचीत होती है, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है।