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'अपने ही लोगों पर हेलीकॉप्टर से बम बरसा रही सेना', रिफ्यूजियों ने बताया क्यों भागकर भारत आना पड़ा

Myanmar News: म्यांमार से भारत में शरण लेने वालों ने बताया कि उनके घर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। उन्होंने सब कुछ खो दिया है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Yashveer Singh
Updated: November 19, 2023 10:42 IST
म्यामांर की सीमा से जुड़े भारत के मिजोरम में शरणार्थियों के लिए कैंप बनाए गए हैं। (ANI)
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Myanmar Refugees in India: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में हालात खराब हैं। वहां सेना और विद्रोहियों के बीच संघर्ष जारी है और उसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। म्यांमार की सेना और विद्रोहियों के जारी संघर्ष के कारण वहां के हजारों लोगों ने भारत में शरण ली हुई है। म्यामांर की सीमा से जुड़े भारत के मिजोरम में शरणार्थियों के लिए कैंप बनाए गए हैं।

मिजोरम के चम्फाई जिले में ज़ोखावथर एरिया में बनाए गए ऐसे ही एक कैंप में रह रहे शरणार्थियों ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में अपने देश के हालातों की जानकारी दी और बताया किन हालातों में उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी।

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जोखावथर के जेम्स रिफ्यूजी कैंप में अपनी परिवार के रह रहीं 51 साल की ज़ोथांगलियानी कहती हैं, "उस दिन मेरा सबसे छोटा बच्ची वॉलीबॉल खेल रहा था। वो बम ब्लास्ट की आवज सुनकर तुरंत घर की तरफ भागा। मैंने मोटरबाइक के जरिए बॉर्डर क्रॉस की। हम लोग पूरी रात सो नहीं पाए। हेलीकॉप्टर से बम गिराए जा रहे थे। हम अपना सब कुछ वहां छोड़कर आए हैं।"

'सब कुछ खो गया लेकिन गांव वापस जाना चाहते हैं'

म्यांमार के चिन राज्य में रहने वाली वुंग्लियांजिंग बताती हैं कि उनका घर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। उन्होंने सब कुछ खो दिया है। वो कहती हैं, "हम अपने गांव वापस जाना चाहते हैं और एक नया घर बनाना चाहते हैं। हम यहां शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं लेकिन हम अपने गांव को मिस कर रहे हैं।"

चिन के 22 साल के निवासी लालरियाटफ़ेला कहते हैं, "हमें अभी भी बमबारी की घटना का डर है… सभी लोग तियाउ नदी को पार करने के लिए उसकी तरफ भाग रहे थे। हमारे गांव के पास भी बम गिराए गए। उस समय हमने यह नहीं सोचा कि हम क्या करेंगे और हम बस ज़ोखावथार की तरफ भाग रहे थे।"

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