'भारत के साथ अच्छे रिश्ते से बढ़ेगी मालदीव वालों की समृद्धि', राष्ट्रपति मुइज्जू ने पीएम मोदी के लिए कही यह बात
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की अपनी पहली यात्रा को बेहद सफल और महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने राजधानी माले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि "ईश्वर की इच्छा से" दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी। चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए रविवार 9 जून 2024 को भारत आए थे। इस समारोह में भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। मुइज्जू ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण पाकर खुशी हुई और वह इस कार्यक्रम में शामिल होकर भी ‘‘उतने ही खुश’’ हैं।
नई दिल्ली में मुइज्जू राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात की
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उच्चस्तरीय बैठकों के लिए भी आभारी हूं। मुझे विश्वास है कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध भविष्य में मालदीव के लिए आकांक्षाओं को और मजबूती देंगे।’’ मुइज्जू ने कहा, "ईश्वर की इच्छा से, दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के परिणामस्वरूप मालदीव और मालदीववासियों के लिए समान रूप से समृद्धि बढ़ेगी।"
ऐसे समय में जब भारत और मालदीव के बीच संबंध खराब चल रहे हैं, मुइज़ू की यात्रा उत्साहजनक संकेत देती है। पिछले कुछ महीनों में संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए कुछ जमीनी काम किए गए हैं। अप्रैल में भारत ने 1981 से प्रभावी एक अनूठी द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत 2024-25 के लिए मालदीव को आवश्यक वस्तुओं अंडे, आलू, प्याज, चीनी, चावल, गेहूं का आटा और दालें, नदी की रेत और पत्थर के लिए अब तक के सबसे अधिक निर्यात कोटा को मंजूरी दी।
9 मई को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की - मुइज़ू के सत्ता में आने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी। दोनों नेताओं ने "द्विपक्षीय संबंध" और "क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों" पर "व्यापक चर्चा" की। सोमवार को मुइज्जू के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, "भारत और मालदीव मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।"