भारत ने निकाली थी मोइज्जू की हेकड़ी, अब मालदीव की जनता क्या चुनाव में सिखाएगी सबक?
Maldives Elections 2024: मालदीव में पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मोइज्जू (Mohammed Muizzu) जीतकर राष्ट्रपति बने थे लेकिन उनकी सरकार से अहम फैसले और बिल संसद द्वारा पास नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में आज मालदीव में संसदीय चुनावों के लिए जारी वोटिंग अहम मानी जा रही है। इसमें मोइज्जू के राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला होगा। मोइज्जू 'इंडिया आउट' का नारा देकर 2023 में राष्ट्रपति बने थे।
मोइज्जू इस चुनाव में जीतकर शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। दूसरी ओर भारत और चीन दोनों ही देश इस चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि मालदीव की विपक्षी पार्टियों के नेता प्रो इंडिया रहे हैं, जबकि मोइज्जू चीन के समर्थक माने जाते हैं।
मालदीव के चुनाव आयोग के अनुसार रविवार को वोटिंग के बाद सोमवार तक नतीजे घोषित हो जाएंगे, जो कि मोइज्जू के लिए एक अग्निपरीक्षा की तरह है। मालदीव चुनाव आयोग ने कोलंबो, त्रिवेंद्रम और क्वालालांपुर में अपने पोलिंग बूथ बनाए हैं।
मोइज्जू के लिए क्यों अहम हैं यह चुनाव
मोइज्जू के लिए संसदीय चुनाव इसलिए अहम हैं क्योंकि संसद में बहुमत न होने के चलते उनके लिए नए कानून बनाने और फैसले लेने में समस्या आ रही है। मालदीव संविधान के तहत संसद के सभी निर्णयों और सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयकों को संसदीय बहुमत से पारित कराना आवश्यक होता है, और यहीं पर मोइज्जू मात खाते नजर आते रहे हैं।
भ्रष्टाचार में घिरे हैं मोइज्जू
बता दें कि मालदीव में संसदीय चुनाव से ठीक पहले मोइज्जू भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं। 2018 से किए गए कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद उनके खिलाफ विपक्ष महाभियोग की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि मोहम्मद मुइज्जू के पीपीएम-पीएनसी गठबंधन ने 'इंडिया आउट' का नारा देकर सितंबर 2023 में राष्ट्रपति चुनाव जीता था।
हाल ही में भारत से हुआ था विवाद
गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद मालदीव के उस समय के कुछ मंत्रियों नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी। इसको लेकर बाद में मजबूरीवश मोइज्जू को उन्हें मंत्री पद से हटाना पड़ा था। वहीं भारत विरोधी सोच के चलते ही भारतीय पर्यटकों के मालदीव जाने में भी कमी आई है जो कि टूरिज्म के लिहाज से भी मालदीव के लिए एक खतरा है।
2019 मुइज्जू ने मोहम्मद सोलिह को शिकस्त दी थी। मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस को चीन समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं, जबकि सोलिह भारत के तौर पर जाने जाते हैं। ऐसे में भारत उम्मीद कर रहा है कि मोइज्जू की विरोधी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) - बहुमत हासिल करेगी।