ब्रिटेन का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला प्रत्याशी, चुनाव में हार मिली या जीत?
ब्रिटेन के चुनाव में इस बार लेबर पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की है, दूसरी तरफ कंजर्वेटिव पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 120 सीटें जीती। एक हैरान कर देने वाली बात यह रही कि इस चुनाव में एक आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस वाला प्रत्याशी भी खड़ा हुआ था। बतौर निर्दलीय इस प्रत्याशी को ब्रिंगटन पवेलियन सीट से उतारा गया था।
कौन था यह एआई प्रत्याशी?
अब उस सीट पर नतीजे आ गए हैं, एआई प्रत्याशी करारी हार हुई है, उसे सिर्फ 0.3 फीसदी वोट हासिल हुए। जानकारी के लिए बता दें कि इस एआई प्रत्याशी का नाम स्टीव रखा गया था जिसे उतारने का ख्याल मशहूर उद्योगपति स्टीव एंडाकौट को आया था। वे वर्तमान राजनीति से त्रस्त आ चुके थे, ऐसे में वोटर्स को एक विकल्प देने के लिए उन्होंने पहली बार एक एआई उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया था।
अब इस एआई प्रत्याशी के पास ताकत तो कई थीं, वो एक बार में 10 हजार लोगों के साथ बात कर सकता था। लेकिन फिर भी वोटर्स के लिए यह एक्सपेरिमेंट ज्यादा ही नया रहा और इसी वजह से इसे सिरे से नकार भी दिया गया। चुनाव में इस प्रत्याशी को क्योंकि सिर्फ 179 वोट मिले हैं, यह बताने के लिए काफी है कि ब्रिटेन अभी तक इस तरह की तकनीक के लिए तैयार नहीं था।
इस बार के चुनावी नतीजे
वैसे मजे की बात यह है कि अगर यह एआई प्रत्याशी चुनाव में जीत जाता तो सदन के अंदर वो नहीं बल्कि उसको बनाने वाला मालिक ही बैठता। ऐसे में इस तकनीक का इस्तेमाल तो बस प्रचार तक सीमित था। अब जानकारी के लिए बता दें कि इस बार के चुनाव में लेबर पार्टी ने सही मायनों में 400 पार कर लिया है, अभी तक जो नतीजे आए हैं, उनमें 412 सीटों पर जीत मिल चुकी है, 200 साल के इतिहास में कंजर्वेटिव अपना सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 120 सीटों पर सिमटती दिख रही है। इस हार की नैतिक जिम्मेदारी खुद सुनक ने ली है और उन्होंने नए प्रधानमंत्री को बधाई भी दे दी है।
सुनक का आखिरी भाषण
उस जीत के बाद अब ऋषि सुनक ने बतौर प्रधानमंत्री अपना आखिरी भाषण दे दिया है। उनकी तरफ से देश से माफी मांगी गई है और एक भावुक अपील भी हुई है। ऋषि सुनक ने कहा कि देश को पहले मैं सॉरी कहना चाहूंगा। मैंने इस पद पर रहते हुए अपना सबकुछ दिया, लेकिन आपके जनादेश ने साफ संदेश दिया है कि आप बदलाव चाहते थे। आपकी पसंद ही अब मायने रखती है। मैं इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, इन नतीजों के बाद मैं पार्टी नेता के पद से पीछे हटता हूं। ऋषि सुनक ने इस बात का भी जिक्र किया कि उनकी पार्टी के तमाम नेता ने इस चुनाव में काफी मेहनत की थी, लेकिन उन्हें दुख है कि वे उसे जीत में तब्दील नहीं कर पाए।