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शारीरिक संबंध से हो जाएंगे महरूम तो बॉडी पर दिखेगा इतनी तरह का असर, मूड में दिखेंगे इस तरह के लक्षण

मुंबई के रेलवे अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनम सिम्पटवार ने बताया कि शारीरिक संबंध ऑक्सीटोसिन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोनों के स्राव को ट्रिगर करता है जिसका असर मूड और ब्रेन पर पड़ता है।
Written by: हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 29, 2024 15:44 IST
डॉ. सिम्पटवार ने बताया कि शारीरिक संबंध नहीं बनाने से वजाइना में ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है। इससे समय के साथ वेजाइनल लुब्रिकेशन और इलास्टिसिटी में गिरावट आ सकती है। freepik
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दो लोगों के बीच अगर प्यार और विश्वास बढ़ जाता है तो कपल्स आपसी सहमति से जिस्मानी रिश्ता बनाते हैं। भावनात्मक रूप से देखा जाए तो जिस्मानी रिश्ता दिल के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। फिजिकल रिलेशन दो लोगों के बीच फिजिकल आकर्षण को बढ़ाता है। इस रिश्ते में कपल्स का एक-दूसरे के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से जुड़ाव होता है। 

फिजिकल रिलेशन तनाव को दूर करने का और बॉडी को हेल्दी रखने का टॉनिक है। शारीरिक संबंध बनाने का असर सिर्फ बॉडी को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि दिमाग पर भी असर करता है। बदमिजाज़ लोगों को खुशमिजाज़ बना सकता है प्यार का ये अहसास।

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बॉडी और ब्रेन के लिए हेल्दी इस रिलेशन शिप से ब्रेक लिया जाए तो बॉडी से लेकर ब्रेन तक पर इसके हैरान करने वाले परिणाम दिखते हैं। ये बदलाव हार्मोनल बदलाव से लेकर मूड और तनाव के स्तर पर भी दिखता है। आइए जानते हैं कि अगर एक महीने तक शारीरिक संबंध नहीं बनाया जाए तो बॉडी पर उसका कौन-कौन सा असर दिखता है।

फिजिकल रिलेशन नहीं बनाने से शरीर में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं

हार्मोन को करता है ट्रिगर

मुंबई के रेलवे अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनम सिम्पटवार ने बताया कि शारीरिक संबंध ऑक्सीटोसिन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोनों के स्राव को ट्रिगर करता है। ऑक्सीटोसिन जिसे "लव हार्मोन" कहा जाता है। ये हार्मोन रिश्ते में बॉन्डिंग को बढ़ावा देता है। एस्ट्रोजन हार्मोन वेजाइनल हेल्थ और libido में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर एक महीने तक फिजिकल रिलेशन नहीं बनाई जाए तो इन हार्मोन के स्तर में गिरावट आ सकती है जो आपके मूड, ऊर्जा के स्तर और यहां तक कि भविष्य में शारीरिक संबंध बनाने की आपकी इच्छा को भी प्रभावित कर सकते हैं।

वेजाइना ब्लड फ्लो हो सकता है कम

डॉ. सिम्पटवार ने बताया कि शारीरिक संबंध नहीं बनाने से वजाइना में ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है। इससे समय के साथ वेजाइनल लुब्रिकेशन और  इलास्टिसिटी में गिरावट आ सकती है। ऐसी स्थिति में अगली बार फिजिकल रिलेशन बनाने में असहज स्थिति पैदा हो सकती है।

पीक पर पहुंच सकता है तनाव

लगातार शारीरिक संबंध बनाने से तनाव का स्तर कम होता है। शारीरिक संबंध बनाने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है जो तनाव को कम करता है। यदि आप इस रिलेशन को बनाना बंद कर देते हैं तो आप के तनाव का स्तर बढ़ जाएगा।

इम्युनिटी में आ सकती है गिरावट

डॉ. सिम्पटवार ने बताया कि कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि यौन गतिविधि इम्युनिटी को भी प्रभावित करती हैं। यौन गतिविधि में कमी होने से इम्युनिटी भी कमजोर होने लगती है।

इंटीमेसी ब्रेक करने से मनोवैज्ञानिक परिवर्तन 

इंटीमेसी ब्रेक करने से आपकी बॉडी के साथ ही आपके मूड पर भी उसका असर दिखता है। इन फील-गुड हार्मोन की कमी और साथी के साथ इंटीमेसी ब्रेक के कारण मूड में बदलाव आता है। तनाव और चिंता की भावना बढ़ने लगती है।

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