इन 3 कारणों से लोगों को सोने के बाद होती है गैस और बदहजमी की समस्या, जानें और तुरंत करें इनका उपाय
Reasons for indigestion and gas at night: अगर आपको सोने के बाद गैस और बदहजमी की समस्या होती है तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये दोनों ही इस बाक का संकेत है कि आपकी लाइफस्टाइल खराब है या फिर आप कुछ बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। आमतौर पर रात में सोने से पहले ज्यादा भारी भोजन करना इसका कारण बनता है। क्योंकि शरीर को खाना पचाने का मौका नहीं मिलता है और सोने के बाद यही बदहजमी का कारण बन जाता है। इसके अलावा तुरंत खाकर सोना भी इस दिक्कत की वजह बन सकती है। साथ ही इसके पीछे कई और कारण भी हैं। आइए, जानते हैं इन सबके बारे में विस्तार से।
इन 3 कारणों से लोगों को सोने के बाद होती है गैस और बदहजमी की समस्या-Reasons for indigestion and gas at night
गलत तरीके से सोना-Wrong way of sleeping
अगर आप पेट के बल सोते हैं तो आपको गैस और बदहजमी की समस्या हो सकती है। दरअसल, इस पोज में सोने से पेट पर बल पड़ता है, खाना नहीं पचता है और एसोफेगस के रास्ते ऊपर मुंह की ओर खुल जाते हैं जिससे खट्टी डकार की समस्या होती है। इसके अलावा दाहिनी ओर सीधे होकर सोने से भी ये समस्या हो सकती है। इसमें होता ये है कि आपका पेट और एसोफेगस यानी अन्नप्रणाली सब एक सीध में आ जाते हैं। तो जब पेट खचाने के लिए एसिड का इस्तेमाल करता है तो वही एसिड मुंह में आ जाता है।
एसिड रिफ्लक्स के कारण-Acid reflux while sleeping
एसिड रिफ्लक्स रात में ज्यादा परेशान कर सकता है जब कोई व्यक्ति सोने के लिए लेटता है। धूम्रपान, मोटापा और अन्य कारक इसका जोखिम बढ़ा सकते हैं। इस स्थिति में आहार और जीवनशैली में बदलाव करने से आपको मदद मिल सकती है, जैसे तकिया उठाकर सोएं और रात का खाना 2 घंटे पहले ही कर लें। इसके अलावा इसकी वजह हाई प्रोटीन और फैट वाले फूड्स भी हो सकते हैं जिन्हें पचाने के लिए पेट को ज्यादा एसिड प्रड्यूस करना पड़ता है और यह भी एसिड रिफ्लक्स का कारण हो सकता है। तो, रात में हल्का भोजन ही करें।
डायवर्टीकुलिटिस की वजह से- Diverticulosis
डायवर्टीकुलिटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके पेट और आंतों में छोटे-छोटे छाले पड़ जाते हैं या कहें कि पाउच बन जाता है। ये दिक्कत तब होती है जब आपका पेट ज्यादा एसिड बनाने लगता है। ऐसे में हर रात आपको ये दिक्कत खाने के बाद हो सकती है। ऐसे में इस स्थिति को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें ताकि आप ये दिक्कत बार-बार न हो।