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मलत्याग को आसान बना बवासीर के दर्द को कम कर सकती है दाल, जानें Piles में इसके सेवन का सही तरीका

इस दाल में फाइबर के साथ-साथ एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं। ये गुण सूजन को कम कर पाइल्स के दर्द से राहत दिलाते हैं।
Written by: हेल्थ डेस्क | Edited By: Shreya Tyagi
नई दिल्ली | April 27, 2024 12:32 IST
पाइल्स होने पर आप कुल्थी दाल को पीसकर हल्के गर्म पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। (P.C- Freepik)
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बवासीर यानी पाइल्स (Piles) एक बेहद परेशान कर देने वाली समस्या है। क्रोनिक कब्ज के चलते लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। आसान भाषा में समझें तो लंबे समय तक पेट खराब होने और मलत्याग न कर पाने पर व्यक्ति को पहले कब्ज की समस्या घेर लेती है। वहीं, कब्ज का समय रहते इलाज न कराने, साथ ही मल त्याग करते समय बार-बार दबाव डालने पर ये बवासीर का कारण बन जाता है। इससे अलग मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और डाइट में फाइबर की कमी के चलते भी बवासीर की समस्या आम हो जाती है।

बवासीर दो तरह की होती है, एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। मल त्यागते समय अधिक दवाब बनाने पर गुदा मार्ग की नसें सूज या टूट जाती हैं, जिससे ब्लीडिंग होने लगती है। इसे खूनी बवासीर कहा जाता है। जबकि बादी बवासीर में मलाशय की नसें सूज कर बाहर की तरफ आ जाती हैं। ये स्थिति अधिक गंभीर और कष्टदायक होती है। ऐसे में अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रह हैं और बवासीर के दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यहां हम आपको एक ऐसी खास दाल के बारे में बता रहे हैं, जिसका सेवन बवासीर की समस्या से राहत दिलाने में बेहद फायदेमंद माना जाता है।

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पाइल्स से निजात दिला सकती है ये दाल

दरअसल, बवासीर होने पर हेल्थ एक्सपर्ट्स सबसे पहले लाइफस्टाइल सुधारने और हेल्दी डाइट अपनाने की सलाह देते हैं। खासकर डाइट में पर्याप्त फाइबर की मात्रा पाइल्स की समस्या से जल्द राहत दिलाने में मददगार हो सकती है। ऐसे में आप कुल्‍थी दाल को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं। इसे हॉर्स ग्राम के नाम से भी जाना जाता है।

एनसीबीआई यानी नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल्थी दाल फाइबर का भंडार है। फाइबर आपके स्टूल को सॉफ्ट बनाता है, साथ ही मल में मात्रा को जोड़ता है, जिससे इसे त्यागना आसान हो जाता है। कुल्थी दाल बाउल मूवमेंट को बेहतर करती है, जिससे भी मल त्यागने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। इससे अलग इस दाल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं। ये गुण सूजन को कम कर भी पाइल्स के दर्द से राहत दिलाते हैं।

कैसे करें सेवन?

पाइल्स होने पर आप कुल्थी दाल को पीसकर हल्के गर्म पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। इससे अलग खाली पेट कुल्थी दाल का पानी भी बवासीर की समस्या में आराम पहुंचा सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में मुट्ठीभर कुल्थी दाल को भिगोकर रख दें और सुबह पानी को छानकर खाली पेट इसका सेवन करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

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Tags :
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