First Aid of Cardiac Arrest: किसी व्यक्ति में Cardiac Arrest की पहचान कैसे करें, जान बचाने के लिए जीवन रक्षक CPR कैसे दें, जानिए खास स्टेप
खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का असर दिल की सेहत को भी प्रभावित करता है। कम उम्र में ही लोग दिल के रोगों का शिकार हो रहे हैं। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दिल से जुड़ी दो परेशानियां है जो अलग-अलग परेशानियां है। अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक मानते हैं, जबकि दोनों डिजीज पूरी तरह से अलग है। हार्ट अटैक की वजह से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है, लेकिन दोनों एक बीमारी नहीं हैं। हार्ट अटैक दिल में ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट के कारण होता है जबकि कार्डियक अरेस्ट में दिल की कार्यक्षमता अचानक बंद हो जाती है। कई स्थितियों में कार्डियक अरेस्ट का निदान किया जा सकता है और कुछ में नहीं किया जा सकता। कार्डियक अरेस्ट अचानक या कुछ लक्षण दिखने के बाद आ सकता है। अगर समय पर उचित कदम नहीं उठाया जाए तो कार्डियक अरेस्ट अक्सर घातक हो सकता है।
कार्डियक अरेस्ट में दिल ठीक से काम करना बंद कर देता है। हार्ट की पंपिंग रुक जाती है या बंद हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों की बात करें तो ये आमतौर पर अचानक होता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं जैसे सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में दर्द, मतली होना, चक्कर आना, छाती में दर्द होना, दौरा पड़ना, कार्डियक अरेस्ट से एक घंटा पहले मतली और उल्टी महसूस होने जैसी परेशानी हो सकते हैं।
कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजीस्ट डॉक्टर अनिरुद्ध व्यास ने बताया कि किसी भी इंसान को अगर कार्डियक अरेस्ट आए तो तुरंत आप उसके लक्षणों की पहचान करें और मरीज को तुरंत CPR दें। CPR यानि Cardiopulmonary resuscitation है। मायो क्लिनिक के मुताबिक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक जीवन रक्षक तकनीक है जो कई इमर्जेंसी स्थितियों में उपयोगी होती है जिसमें किसी की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है। आइए जानते हैं कि मरीज को कार्डियक अरेस्ट आने पर कैसे उसे CPR दें ताकि मरीज की दिल की धड़कन को चालू रखा जा सके।
कार्डियक अरेस्ट होने पर स्टेप ब स्टेप ऐसे दें CPR
Step-1
मरीज की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें। जो भी इंसान अचानक से गिर गया है सबसे पहले उस गिरे हुए इंसान को तेजी से आवाज दें और उसके सीने पर हाथ मारकर पूछे आपको क्या हुआ है। मरीज जवान नहीं दें और कोई प्रतिक्रिया नहीं करें तो ये कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट होने पर मरीज को CPR की आवश्यकता होती है।
Step-2
मरीज की सांस चेक करें। सांस चेक करने के लिए मरीज की नाक पर उंगली लगाएं और सीने पर हाथ रखें और सांस की आवाज़ सुनें। मरीज सांस नहीं ले रहा है तो उसे सडन कार्डियक अरेस्ट हुआ है। आप तुरंत मेडिकल सुरक्षा का इंतजाम करें। डॉक्टर को बुलाएं, एम्बुलेंस बुलाएं और अस्पताल ले जाएं।
Step-3
मरीज की इस स्थिति में कार्डियक मसाज करें। इस मसाज को करने के लिए अपने दोनों हाथों की हथैलियों को एक के ऊपर एक रखें और मरीज की छाती की हार्ट बॉन के सॉफ्ट कॉर्नर पर लाकर प्रेस करें। इस मसाज प्रक्रिया को 100 से 110 प्रति मिनट के हिसाब से करना है। इस दौरान मरीज की छाती को 2-4 ईंच नीचे तक दबाते हैं। आपको चेस्ट मसाज को लगातार करना है। अगर आप थक रहे हैं तो किसी दूसरे व्यक्ति को चेस्ट मसाज करने को कहें। चेस्ट मसाज फेफड़ों में मौजूद ऑक्सीजन युक्त ब्लड को ब्रेन की तरफ धकेलती है। इस मसाज से ब्रेन के परमानेंट डैमेज होने के आसार कम से कम हो जाते हैं।