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Brain Eating Amoeba: वाटर पार्क और स्वीमिंग करने वाले वाले हो जाएं सतर्क, ब्रेन को खा सकता है पानी का ये कीड़ा, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव

नेगलेरिया फाउलेरी एक सूक्ष्म जीव है जो आमतौर पर अनुपचारित पानी और मिट्टी में पाया जाता है। संक्रमण तब होता है जब स्वीमिंग जैसी गतिविधियों के दौरान अमीबा युक्त पानी नाक के जरिए ब्रेन में पहुंच जाता है और ब्रेन में गंभीर सूजन करता है।
Written by: Shahina Noor
नई दिल्ली | Updated: July 05, 2024 11:49 IST
नेगलेरिया फाउलेरी एक सूक्ष्म जीव है जो आमतौर पर अनुपचारित पानी और मिट्टी में पाया जाता है।
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केरल में एक अजीब मामला सामने आया है। एक 14 साल के बच्चे की मौत नेगलेरिया फाउलेरी नामक जानलेवा अमीबा के ब्रेन में पहुंचने से हुई है। इस अमीबा की वजह से अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। इस खतरनाक बीमारी को आसान भाषा में ब्रेन को खाने वाला अमीबा कहा जाता है जबकि मेडिकल भाषा में इसका नाम Primary amoebic meningoencephalitis है। केरल में पिछले दो महीनों में इस दुर्लभ और घातक संक्रमण से यह तीसरी मौत है।

हाल ही में केरल में 14 साल के बच्चे की मौत का कारण ये अमीबा बना है जो गंदे पानी के जरिए बच्चे के ब्रेन में पहुंच गया और उसने बच्चे की जान ले ली। पीटीआई की खबर के मुताबिक डॉक्टरों ने जानकारी दी है कि बच्चे की मौत का कारण ब्रेन का इंफेक्शन बना है। आइए जानते हैं कि आखिर ये संक्रमण क्या है और इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से है? इस बीमारी से बचाव कैसे किया जा सकता है।

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ब्रेन में इंफेक्शन का बच्चा कैसे हुआ शिकार

सूत्रों के मुताबिक ई.पी. मृदुल को ब्रेन में इंफेक्शन तालाब में नहाने के बाद हुआ था। सातवीं कक्षा के इस छात्र को पिछले महीने सिरदर्द और उल्टी की शिकायत के बाद फेरोके के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, हालात में सुधार नहीं होने पर उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 जून से इस लड़के की हालात गंभीर थी। 

नेगलेरिया फाउलेरी क्या है?

नेगलेरिया फाउलेरी एक सूक्ष्म जीव है जो आमतौर पर अनुपचारित पानी और मिट्टी में पाया जाता है। संक्रमण तब होता है जब तैराकी या गोताखोरी जैसी गतिविधियों के दौरान अमीबा युक्त पानी नाक के जरिए ब्रेन में पहुंच जाता है और ब्रेन में गंभीर सूजन करता है।

ब्रेन खाने वाले अमीबा के लक्षण

यह संक्रमण नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है जिसे 'दिमाग खाने वाला अमीबा'कहा जाता है, जो झीलों और नदियों के ताजे पानी में रहता है। अमीबा लोगों को तब संक्रमित करता है जब यह नाक के जरिए बॉडी में प्रवेश करता है। यह नाक से मस्तिष्क तक पहुंच जाता है और ब्रेन के टिशूज को नष्ट कर देता है जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन बढ़ जाती है। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो इस अमीबा के ब्रेन में प्रवेश करने पर मरीज को तेज सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, मानसिक स्थिति में बदलाव और दौरा पड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं।

एक्सपर्ट के मुताबिक ये अमीबा बॉडी में प्रवेश करने के बाद शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पैरालाइज कर देता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार जिन मरीजों को ये परेशानी होती है वो लक्षण शुरू होने के 1 से 18 दिनों के अंदर मर जाते हैं। एक बार लक्षण शुरू होने पर मरीज की हालत तेजी से बिगड़ती हैं, मरीज कोमा में चला जाता हैं और लगभग पांच दिनों के अंदर मर जाता हैं।

 नेगलेरिया फाउलेरी से कैसे करें बचाव

इस अमीबा से बचाव करना है तो आप तालाब, झील या फिर किसी भी जगह रुके हुए पानी में नहाने से परहेज करें।
अगर आपको किसी तरह का कान में संक्रमण हैं तो आप वाटर पार्क,घर से बाहर, नहाने से बचें।
स्विमिंग पूल और वाटर थीम पार्कों के पानी में क्लोरीन होने पर ही उसमें नहाएं।

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Tags :
Brainbrain damagehealth awarenessKerela
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