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हेल्थ इमरजेंसी पैदा कर देता है 50 डिग्री से ऊपर का तापमान, दिल और किडनी की सेहत पर पड़ सकता है असर, तुरंत इन 5 तरीकों से करें बॉडी को सुरक्षित

WHO के मुताबिक हीटवेव का प्रकोप जारी है जिससे लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में गर्मी से बचाव करें ताकि आपातकालीन स्थिति से बचा जा सके।
Written by: Shahina Noor
नई दिल्ली | May 31, 2024 11:56 IST
हेल्थ इमरजेंसी पैदा कर देता है 50 डिग्री से ऊपर का तापमान  दिल और किडनी की सेहत पर पड़ सकता है असर  तुरंत इन 5 तरीकों से करें बॉडी को सुरक्षित
बढ़ते तापमान में बॉडी को हाइड्रेटेड रखें। खूब तरल पदार्थों का सेवन करें। freepik
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गर्मी पूरे शबाब पर है, मई के महीने में पारा कई नए कीर्तिमान को आयाम दे चुका है। बर्दाश्त से बाहर गर्मी में कई तरह की बीमारियों जैसे डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक,लूज मोशन, उल्टी दस्त का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में हद से ज्यादा तापमान इंसान से बर्दाश्त नहीं होता और वो इंटरनल ऑर्गन को भी प्रभावित करने लगता है। नॉर्मल आदमी का बॉडी टेम्परेचर 98.6 F  होता है जो बाहर के तापमान के 37 डिग्री के बराबर होता है। हमारी बॉडी 42.3 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में आसानी से रह सकती है।

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इंसानी शरीर 35 से 37 डिग्री तक का तापमान बिना किसी परेशानी के झेल लेता है, लेकिन तापमान का स्तर 40 डिग्री से ज्यादा चला जाए तो बॉडी के लिए उसे बर्दाश्त करना मुश्किल होता है।  40 डिग्री सेल्सियस तापमान ह्यूमन बॉडी के लिए रेड सिग्नल है।  इंसान के लिए 50 डिग्री का अधिकतम तापमान बर्दाश्त करना मुश्किल होता है।

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मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2004 और 2017 से 2021 के बीच पिछले 8 सालों में भारत में भीषण गर्मी रही है। इस दौरान भारत में गर्मी से मौतों में 55 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। गर्मी में पारा धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। पारा 45 डिग्री पहुंचने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं।

मेडिकल जर्नल लैंसेट के मुताबिक बढ़ते तापमान में किसी को बेहोशी हो सकती है,चक्कर या घबराहट जैसी परेशानी हो सकती है। कुछ लोगों का बीपी कम हो सकता है और डायबिटीज मरीजों की शुगर हाई हो सकती है। इस मौसम में दिल और किडनी के रोगों का खतरा भी अधिक रहता है।

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WHO के मुताबिक हीटवेव का प्रकोप जारी है जिससे लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इतना तापमान और बढ़ती हेल्थ प्रॉब्लम ने इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। अगर सेहत को ठीक नहीं रखा जाए तो मौत होने का जोखिम बढ़ सकता है। आइए जानते हैं कि गर्मी में बढ़ते तापमान में बॉडी को कैसे एडजस्ट करें ताकि इंसानी बॉडी इस तापमान में भी सफर कर सकें।

गर्मियों के दौरान घर से बाहर निकलते समय आप असहनीय गर्मी से कैसे बच सकते हैं?

  • बॉडी को हाइड्रेट रखें। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए खूब तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनें। सूरज की प्रचंड गर्मी से आपको अत्यधिक पसीना आ सकता है। इससे निपटने के लिए आप हल्के रंग जैसे गुलाबी, नीला, सफ़ेद और हरे रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
  • गर्मी में हल्का भोजन करें। भारी भोजन करने से गर्मी पैदा हो सकती है और आप असहज महसूस कर सकते हैं। ज्यादा खाना खाने से आपके शरीर को सामग्री को पचाने और मेटाबॉलिक करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। हैवी फूड बॉडी का तापमान बढ़ाता है और आपको पसीने से तर और सुस्त बना देता है।
  • धूप से बचें। आप अपनी जरूरत के ज्यादातर काम सुबह और शाम में करें। तेज धूप से बचें और छाया में रहें।
  • बॉडी को ठंडा करें। बॉडी को ठंडा करने के लिए गीला तौलिया इस्तेमाल करें। अगर आप दिन में घर से बाहर निकल रहे हैं तो तौलिए में बर्फ लगाकर भी निकल सकते हैं जिससे बॉडी ठंडी हो सकती है।
  • यदि आप गर्मी से राहत चाहते हैं तो तरोताजा होने और ठंडक पाने के लिए आप हिल स्टेशन पर छुट्टियां मनाने जा सकते है। 
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