Suhana Saturday: राज कुमार की एक हरकत से 'सौदागर' के सेट पर मचा था कोहराम, तिलमिलाए दिलीप कुमार ने झेला था दर्द
80 के दशक में दोस्ती पर आधारित फिल्म 'सौदागर' आपको याद होगी। इसमें उन दिनों के स्टार एक्टर राज कुमार और दिलीप कुमार ने लीड रोल प्ले किया था। इसमें दोनों की दोस्ती की मिसाल दी गई थी। उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया था लेकिन, क्या आपको पता है असल जिंदगी में उनके बीच छत्तीस का आंकड़ा था। दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी थे। 'सौदागर' से पहले इनके बीच करीब तीन दशक तक बातचीत बंद थी। इस मूवी के जरिए साल 1991 में उन्हें साथ फिल्ममेकर सुभाष घई लेकर आए थे लेकिन, इसके सेट पर कुछ ऐसा हुआ था कि दिलीप कुमार तिलमिला गए थे और वो बीच में ही शूटिंग छोड़कर चले गए थे। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में…
दरअसल, आपने देखा होगा कि फिल्म 'सौदागर' में एक गाना 'इमली का बूटा' था। इसे होली के मौके को फिल्माया गया था। इस गाने की शूटिंग के दौरान ही दोनों स्टार्स के बीच टेंशन और बढ़ गई थी, जिसके बाद क्रू को बहुत दिक्कतें हुई थी। घटना के बाद क्रू की हालत खराब हो गई थी। इस किस्से के बारे में एक्टर प्रशांत नारायणन ने बताया था। उन्होंने इस मूवी में असिस्टेंट आर्ट डायरेक्टर काम किया था। उन्होंने बताया था कि राज कुमार और दिलीप कुमार उनके करीबी दोस्त थे। इस वजह से वो कई बार दोनों के बीच बुरी तरह से पिस जाते थे।
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डायरेक्टर दोनों स्टार को समझाया सीन
फिल्म 'सौदागर' के गाने 'इमली का बूटा' की शूटिंग से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए प्रशांत कहते हैं कि दिलीप कुमार और राज कुमार एक-दूसरे को रंग मारते हैं। प्रशांत ने बताया था कि वो दिलीप कुमार के साथ ज्यादा वक्त बिताते थे। इसकी वजह से राज कुमार को तकलीफ होती थी। वहीं, जब राज कुमार के साथ होते थे तो दिलीप कुमार को दिक्कत होने लगती थी। होली वाले सीक्वेंस को लेकर प्रशांत बताते हैं कि दोनों स्टार्स को ये सीन समझाया गया था। सब कुछ तैयार था। दिलीप जब सेट पर आए तो उन्होंने बता दिया था कि उनकी आंखों में लेंस लगा है और कलर उनके मुंह पर फेंकने मना किया था। ये बात जाकर प्रशांत ने राज कुमार को भी समझा दी थी।
जब दिलीप कुमार के चेहरे पर फेंका गुलाल
फिर क्या था राज कुमार प्रशांत की बात को सुनने के बाद दिलीप कुमार को देख रहे थे और वो भी उन्हें देख रहे थे। वो थाली लेकर खड़े थे। उन्हें बता दिया गया कि रंग कैसे फेंकना है। राज कुमार सेट से चले जाते हैं और सिगरेट पीने लगते हैं। सेट पर सन्नाटा पसर गया। फिर कुछ देर बाद वो सेट पर आए, दिलीप कुमार भी आए और सीन शुरू हुआ। राज कुमार को थोड़ा सा ही गुलाल उठाना था लेकिन वो भर मुट्ठी ले लिए और दिलीप कुमार के चेहरे पर फेंक दिया।
हो गया पैकअप
इसके बाद क्या था दिलीप कुमार की हालत खराब हो गई। वो दर्द के मारे कराहने लगे और आंखें मलने लगे। वहीं, राज कुमार ज्यों का त्यों ही खड़े रहे। दिलीप वहां से चले गए और सुभाष घई ने लाइट्स ऑफ कहा और राज कुमार पैकअप बोलकर वहां से चले गए।
सुभाष घई ने अपनाया था साथ लाने के लिए ये फॉर्मूला
सुभाष घई ने 'न्यूज18' से बातचीत में बताया था कि उन्होंने दिलीप कुमार और राज कुमार को साथ लाने के लिए एक फॉर्मूला अपनाया था। उन्होंने बताया था कि वो दिलीप कुमार को बताएंगे कि राज कुमार उनकी तारीफ कर रहे थे और राज कुमार को जाकर बताएंगे कि दिलीप कुमार उनकी तारीफ कर रहे थे। उनका मानना था कि इसके बाद दोनों साथ आएंगे और पॉजिटिविटी के साथ मिलेंगे। ऐसे में फिल्ममेकर का काम पूरा हो जाएगा।