2-2 रुपये चंदा देकर किसानों ने बनाई थी स्मिता पाटिल की यह फिल्म, कान्स में स्क्रीनिंग के बाद 48 साल बाद दोबारा सिनेमाघरों में होगी रिलीज
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनो एक से बढ़कर एक फिल्में बन रही हैं। इन फिल्मों के लिए पहले से ही बजट तय हो जाता है, जिसके लिए फाइनेंसर और प्रोड्यूसर्स जुटाए जाते हैं। वहीं अब कई एक्टर और एक्ट्रेस ऐसे भी हैं, जो खुद अपनी फिल्मों पर पैसे लगाते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब फिल्मों पर पैसे लगाने के लिए प्रोड्यूसर आसानी से नहीं मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक फिल्म ऐसी भी है जिसे किसानों ने खुद प्रोड्यूस किया था। अब यह फिल्म 48 साल बाद एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
5 लाख किसानों ने प्रोड्यूस की थी फिल्म
हम यहां बात कर रहे हैं मशहूर फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल की साल 1976 में आई क्लासिक फिल्म 'मंथन' की, जिसका वर्ल्ड प्रीमियर हाल ही में 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में रखा गया था। कान्स में फिल्म की खूब तारीफ हुई। 'मंथन' को पांच मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। इस फिल्म को लेकर बताया जाता है कि गुजरात के 5 लाख किसानों ने मिलकर फाइनेंस किया था। उन सभी किसानों ने 2-2 रुपये डोनेट किए थे।
देश के 38 सिनेमाघरों में रिलीज होगी मंथन
पीवीआर सिनेमाज की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह फिल्म वर्ल्ड मिल्क डे के मौके पर 1 जून को सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज की जाएगी। और 2 जून तक चलेगी। यह फिल्म देश के 38 सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। जिसमें मुंबई, दिल्ली, राजकोट, चेन्नई, हैरदाबाद, कोच्चि, जयपुर और चंडीगढ़ के सिनेमा हॉल शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने पीवीआर-आईनॉक्स लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया है।
एफएचएफ ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'बुकिंग आज से शुरू है! 500,000 किसानों द्वारा प्रोड्यूस श्याम बेनेगल की ऐतिहासिक फिल्म 'मंथन' को बड़े पर्दे पर देखने के अवसर न चूकें! बुकिंग प्रोसेस के बारे में अधिक जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
ट्रकों में भरकर फिल्म देखने पहुंचे थे किसान
बता दें कि फिल्म में गिरीश कर्नाड, नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, डॉ. मोहन अगाशे, कुलभूषण खरबंदा, अनंत नाग और आभा धूलिया जैसे कई दिग्गज कलाकार थे। फिल्म की शूटिंग गोविंद निहलानी ने की थी। फिल्म ने साल 1977 में बेस्ट फिल्म और बेस्ट स्क्रिप्ट के लिए नेशनल अवार्ड भी जीता था।
फिल्म को सिनेमाघरों में देखने के लिए ट्रकों में भरकर किसान सिनेमाघर पहुंचे थे। इसे भारतीय सिनेमा इतिहास की पहली क्राउड फंडेड फिल्म माना जाता है। बता दें कि 'मंथन' को बेस्ट इंटरनेशन फीचर फिल्म कैटेगरी में भारत की तरफ से ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री के तौर पर भेजा गया था।