Panchayat 3 Review: हंसी, मस्ती और टेंशन के साथ इस बार फुलेरा में हो रही दबंगई भी, प्रधान जी और विधायक के बीच टशन जारी
Panchayat 3 Review: एक बार फिर फुलेरा गांव में शोर गुल शुरू हो चुका है। ग्राम पंचायत के चुनाव सिर पर हैं और विधायक जी और प्रधान जी के बीच जमकर टशन चल रही है। भूषण, जो हमेशा से ही गांव की व्यवस्था से नाखुश है, वो विधायक का साथ दे रहा है। उधर गांव के सचीव यानी अभिषेक त्रिपाठी को विधायक के साथ पिछले सीजन में पंगे लेने का हर्जाना भुगतना पड़ रहा है।
इस सीजन में सचिव जी फुलेरा को छोड़कर जा चुके हैं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। मगर जब इतना समय फुलेरा में बिता चुके हैं तो वहां क्या चल रहा है इसे जाने बिना कैसे रह सकते हैं। उधर गांव में नए सचिव के आने की तैयारी है। मंजू देवी, प्रधान जी और विकास एक्टिव मोड में काम कर रहे हैं, लेकिन प्रह्लाद चा अपने बेटे के गम से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं है, वो नशे में अपना वक्त काट रहे हैं।
बनराकस की राजनीति शुरू
बनराकस यानी भूषण इस बार भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वो विधायक के साथ मिलकर गांव में हंगामा करने की तैयारी में है। 'पंचायत' का ये सीजन बाकी के दो सीजन से काफी अलग होने वाला है।
पहले मंजू देवी घर के काम में लगी रहती थी और सारे फैसले प्रधान पति लिया करते थे। लेकिन इस बार मंजू देवी पंचायत मामलों में शामिल हो रही है। वो भी राजनीति में पूरी तरह उतर चुकी है और हर काम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है। अभिषेक भी फुलेरा वापस आ जाता है और यहां खुश है।
सोशल मीडिया पर भी 'पंचायत 3' के अच्छे रिव्यू मिल रहे हैं। इस बार की कहानी और भी अधिक पसंद की जा रही है। चाहे वो ग्राम पंचायत के सदस्यों के बीच मस्ती हो या फिर गांव में चल रही बदले की राजनीति, सभी कुछ दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।