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'होता है जानवरों की तरह बर्ताव', Panchayat 3 की इस एक्ट्रेस ने बयां किया दर्द, बोलीं- गंदे कमरे में…

'पंचायत 3' और 'गुल्लक 4' में नजर आने वाली एक्ट्रेस सुनीता राजवर ने इंडस्ट्री को लेकर खुलासा किया है। उनका कहना है कि सेट पर सपोर्टिंग एक्टर्स के साथ भेदभाव किया जाता है। उन्हें बैठने के लिए गंदे कमरे दिए जाते हैं, जबकि लीड एक्टर्स की सारी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है।
Written by: एंटरटेनमेंट डेस्‍क | Edited By: Gunjan Sharma
नई दिल्ली | May 24, 2024 09:43 IST
सुनीता राजवर ने बताया इंडस्ट्री का सच (फोटो-इंस्टाग्राम-Sunita Rajwar)
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एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की चमक के पीछे इसके पीछे के अंधकार का पता नहीं चल पाता। एक्टर्स के खिलखिलाते चेहरे जो हमें स्क्रीन पर नजर आते हैं, जरूरी नहीं वो असली हो, उस हंसी के पीछे तकलीफ भी छिपी हो सकती है। एक्ट्रेस सुनीता राजवर ने इंडस्ट्री में उनके और उन जैसे तमाम एक्टर्स के साथ होने वाले बुरे बर्ताव का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जो एक्टर्स छोटे रोल करते हैं उन्हें जानवर जैसा ट्रीटमेंट मिलता है। इस कारण से उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक तक ले लिया था।

ब्रूट इंडिया को दिए इंटरव्यू में सुनीता ने बताया कि इंडस्ट्री में अक्सर एक्टर्स को टाइपकास्ट कर दिया जाता है और एक्टर्स अपनी रोजी रोटी के लिए ऐसा करते हैं। सुनीता ने कहा, "ये दर्दनाक है लेकिन ये ही सच है।"

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लीड एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होता है भेदभाव

सुनीता ने बताया कि इंडस्ट्री में लीड एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच भेदभाव भी होता है। लीड एक्टर्स को सारी सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि सपोर्टिंग कलाकारों के साथ बुरा होता है। उन्होंने कहा कि लीड एक्टर्स को उनकी सुविधा के हिसाब से कॉल टाइम दिया जाता है। सुनीता ने कहा," जिस प्रकार का भेदभाव किया जाता है वह अपमानजनक है।" हालांकि एक्ट्रेस ने ये भी कहा कि लीड एक्टर्स को महीने में 30 दिन काम करना पड़ता है, कभी-कभी उन्हें 24×7 भी काम करना पड़ता है।

बड़े एक्टर्स के शूट पर भी करना पड़ता है इंतजार

सुनीता ने कहा, "अगर आपको पता है कि आप किसी एक आर्टिस्ट के साथ काम नहीं कर रहे हो, तो उन्हें बैठाकर रखने की क्या जरूरत है? ये ऐसा लगता है कि आप दूसरे को नीचा दिखाना चाहते हो।" एक्ट्रेस ने आगे कहा, "लीड एक्टर्स का ध्यान रखा जाता है, उनके कमरे साफ-सुथरे होंगे, उनके लिए एक फ्रिज होगा, माइक्रोवेव होगा। वहीं हम जैसे आर्टिस्ट को एक छोटे से गंदे कमरे में रहना पड़ता है। वो 3-4 लोगों को बैठाएंगे, छत गिर रही है, कोई साफ बाथरूम नहीं, आपकी बेडशीट गंदी होगी। ये सब देखकर मुझे हमेशा बहुत बुरा लगता था।"

बता दें कि सुनीता ने बताया कि उनके साथ ऐसा कई बार हुआ और इसलिए उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का फैसला लिया। "जब आप छोटे रोल करते हैं तो आपको सम्मान नहीं मिलता, आपको अच्छा पैसा नहीं दिया जाता। आपको जानवरों की तरह ट्रीट किया जाता है, जो बहुत बुरा है।"

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