'एनिमल' देखने की जरूरत नहीं हुई, RRR मेरे टाइप की फिल्म नहीं: सिनेमा में एडल्ट सीन और वायलेंस दिखाने पर भड़कीं रत्ना पाठक शाह
दिग्गज अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह अपनी बातों को बेबाकी से रखने और सामाजिक मुद्दों पर बोलने के लिए जानी जाती हैं। नारीवाद और ज़िम्मेदार फ़िल्ममेकिंग का सपोर्ट करने वाली रत्ना कभी भी उन फ़िल्मों की आलोचना करने से पीछे नहीं हटतीं जिन्हें वे प्रॉब्लोमैटिक मानती हैं। हाल ही में, उन्होंने RRR और एनिमल जैसी हाई-ऑक्टेन एक्शन फिल्मों और खतरनाक एक्शन फिल्मों की बढ़ती संख्या पर भी अपनी राय व्यक्त की।
दी लल्लनटॉप से बात करते हुए रत्ना पाठक ने कहा, “सच कहूँ तो, मैंने RRR और एनिमल नहीं देखी हैं। मैंने RRR देखने की कोशिश की लेकिन मैं पूरी फिल्म नहीं देख पायी। मैं स्वीकार कर सकती हूँ कि बहुत से लोगों ने RRR को पसंद किया और सराहा है लेकिन यह मेरे टेस्ट की फिल्म नहीं है। हालाँकि, मुझे एनिमल देखने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई; मैंने इसका पोस्टर और इसका मूड देखा और मैं डर गयी, दूर हो गयी। फिर मैंने इसके बारे में ऐसी बातें सुनीं… इसलिए मैंने इसे नहीं देखा। मैं कल्पना कर सकती हूँ कि यह किस तरह की फिल्म होगी।”
उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों में सेक्स और हिंसा दिखाए जाने पर भी टिप्पणी की। “दक्षिण भारतीय फिल्मों में सेक्स और हिंसा को एक अजीब तरीके से दिखाई जाती है। उनके गानों में एक अलग स्तर की कामुकता होती है। यह एक दिलचस्प विरोधाभास है - उनकी फिल्मों में एक स्तर पर एक बहुत ही सभ्य, नियंत्रित समाज दिखाया जाता है और फिर यह है… वायलेंस खासतौर पर अविश्वसनीय है।”
“यहाँ तक कि अधिक गंभीर फिल्मों में भी ऐसा होता है। वेत्रिमारन की फिल्में परेशान करने वाली हिंसक हैं। हिंसा बहुत मोहक होती है, लोग इसके आदी हो जाते हैं। मुझे लगता है कि कला के निर्माताओं की एक ज़िम्मेदारी होती है।”
66 वर्षीय रत्ना पाठक शाह को आखिरी बार निर्देशक तरुण डुडेजा की रोड एडवेंचर ड्रामा धक धक में देखा गया था। फिल्म में उनके अभिनय के लिए रत्ना को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।