Amar Singh Chamkila Review: 'अभी हमारा वक़्त चल रहा है एक दिन आएगा जब…', परिणीति-दिलजीत की फिल्म ने जीता दिल, इमोशनल कर देगी 'चमकीला' की कहानी
“ये बंदूक वालों का तो काम है गोली चलाना, तो ये चलाएंगे। हम गाने बजाने वाले हैं, हमारा काम है गीत गाना तो हम गाएंगे न वो हमारे लिए रुकेंगे ना हम उनके लिए। जब तक हम हैं, तब तक स्टेज पर हैं और जीते जी मर जाएं, इससे तो अच्छा है मर के जिंदा रहें।” ये सिर्फ एक डायलॉग नहीं बल्कि पूरी फिल्म का प्लॉट है। इन 56 शब्दों में बस ‘चमकीला’ है। इम्तियाज अली ने एक फिल्म बनाई है। ये पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला के जीवन पर आधारित है। चमकीला की हत्या कर दी गई थी। बात 80 के दशक की है, जब उनकी और उनकी पत्नी अमरजोत को नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोलियों से गोली मार दी थी। हत्या से पहले चमकीला को अश्लील गीत लिखने और गाने के लिए अज्ञात धमकियां मिली थीं। उनके गानों को महिलाओं के लिए आपत्तिजनक बताया गया था।
फिल्म में परिणीति चोपड़ा और दिलजीत दोसांझ अहम भूमिका में हैं। 'नेटफ्लिक्स' पर रिलीज हुई इस फिल्म ने लोगों को एक बार फिर पंजाबी लोक प्रसिद्ध सिंगर चमकीला के गानों की याद दिला दी। दिलजीत दोसांझ ने अमर सिंह चमकीला का किरदार निभाया है, तो वहीं परिणीति ने उनकी पत्नी अमरजोत का। जानें कैसी है ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की मूवी 'अमर सिंह चमकीला'। पढ़ें मूवी रिव्यू।
अमिताभ बच्चन को भी छोड़ा पीछे
अभी हमारा वक़्त चल रहा है एक दिन आएगा जब हमारा टाइम नहीं होगा। तब सोचेंगे आराम से क्या सही था क्या ग़लत ? नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इम्तियाज अली की फिल्म चमकीला। फिल्म की कहानी शुरू होती है अमर सिंह नाम के लड़के से। बचपन लुधियाना के पिंड डुगरी में बीता और जवानी पंजाब में। ये पंजाब का वो सिंगर था, जिसने कुलदीप मानक और गुरदास मान जैसे सिंगर्स को पीछे छोड़ दिया था। 80 के दशक के रॉकस्टार चमकीला की पंजाब के साथ-साथ देश-विदेश में भी तगड़ी फैन फॉलोइंग थी। फिल्म के एक सीन में दिखाया गया है कि एक दौर में पंजाब के चमकीला ने स्टारडम के मामले में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को भी पछाड़ दिया था।
कैसी है फिल्म की कहानी
अमर सिंह चमकीला की कहानी की बात करें तो पंजाब के ओरिजनल रॉकस्टार कहे जाने वाले अमर सिंह चमकीला ने 20 साल की उम्र में अपने गानों से धूम मचा दी थी। फिल्म में चमकीला की जिंदगी के अहम पड़ावों को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी शुरू होती है। चमकीला और उसकी पत्नी अमरजोत की हत्या से। थोड़ी देर पहले जिन आर्टिस्ट की परफॉरमेंस के लिए लोग उतावले हो रहे थे, अगले कुछ मिनट फिल्म में उनकी लाशें एक जगह से दूसरी जगह उतारी-रखी जा रही हैं जैसे ये कभी इंसान रहे ही न हों। आगे के सीन्स में एक डिस्टर्ब करने वाले चुप्पी का शोर सुनाई देता रहता है। पुलिस वाले परेशान हैं कि किसी 'दो कौड़ी के' सिंगर की जान चले जाने से उनके सिर पर आफत आ गई है। एक पुलिस ऑफिसर केस की जांच करने आता है और फिर शुरू होती है चमकीले की कहानी। वो फैक्ट्री में जुराबें बनाता दिखता है। कुएं किनारे बैठकर रियाज करता दिखता है। फिर एक नामी सिंगर के यहां नौकरों जैसे काम करता दिखता है। लेकिन सिर्फ एक मौका अमर सिंह को चमकीला बना देता है और लोग सिर्फ चमकीला सुनना पसंद करने लगते हैं। इसी बीच एंट्री होती है। परिणीति चोपड़ा की यानी अमरजोत कौर उर्फ बब्बी की। फिल्म में चमकीला को धमकियां मिलती हैं। अश्लील गीत गाने का आरोप लगता है, लेकिन वह किसी भी बात का कोई जवाब नहीं देता है। सिवाय एक इंटरव्यू के, जहां वो कहता है, 'इस दुनिया में ज्यादातर छोटे लोग हैं, मेरे जैसे। आप जैसे कम हैं. और छोटे लोगों को यही सब पसंद आता है, क्योंकि वो यही सब देख रहे होते हैं। इसलिए मेरे गाने चलते हैं।' फिल्म में कई रोंगटे खड़े कर देने वाले सीन भी आते हैं। फिल्म में अमरजीत और अमरजोत की लव स्टोरी दिखाई गई है। परिणीति ने इस किरदार को क्या कमाल ही जी लिया है।
चमकीला रिव्यू
फिल्म में बहुत कुछ है। पुरानी क्लिप्स का यूज़ हुआ है जो बेहद ही ख़ूबसूरती से सही बैठता है। ए आर रहमान के म्यूजिक ने कमाल किया है। उससे ज़्यादा दिलजीत और परिणीति चोपड़ा ने खुद गा कर मूवी को रियल फील दिया है। चमकीला के गानों में समाज की सच्चाई है। लोग उसके गानों को भद्दा और अश्लील कहते तो ज़रूर है पर सुनते भी उसे ही सबसे ज़्यादा हैं। फ़िल्म के बीच में एक डायलॉग आता है जब चमकीला से ये बात कही जाती है की पंजाब में उग्रवाद है। टेंशन का माहौल है पर लोग और ज़्यादा चिंता नहीं करना चाहते वो एंटरटेनमेंट चाहते है ताकि वो ये सब भूल सके।
फिल्म का डायरेक्शन
इम्तियाज अली जब वी मेट और रॉकस्टार जैसी फिल्में बना चुके हैं। उनकी पिछली दो फिल्में जब हैरी मेट सेजल और लव आज कल बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं हो सकीं लेकिन इस बार उन्होंने ओटीटी पर कमाल कर दिया। उन्होंने 80 के दौर के पंजाब को अच्छे से परदे पर उकेरा। फिल्म की लेंथ थोड़ी कम की जा सकती थी। बाकी बहुत समय बाद कुछ नया और फ्रेश आया है। इसे ज़रूर देखना चाहिए।