Lata Mangeshkar Birth Anniversary: जब नूरजहां को देख रो पड़ी थीं लता मंगेशकर, पाकिस्तानी सिंगर को मानती थीं अपना आइडल, जानिए दिलचस्प किस्सा
बॉलीवुड की स्वर कोकिला कही जाने वाली गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने इंडस्ट्री में फिल्मों के लिए एक से बढ़कर गाने गाए हैं। सिंगर को उनकी गायिकी और इंडस्ट्री में योगदान के लिए आज भी याद किया जाता है। आज वो भले ही इस दुनिया में नहीं हैं मगर उनके गाने और गायिकी आज भी लोगों के जहन में है, जो उनकी याद को संजोए हुए है। आज उनके बारे में ये सारी बातें उनकी 94वीं बर्थ एनीवर्सरी (Lata Mageshkar Birth Anniversary) के मौके पर कर रहे हैं।
जी हां, आज दिवंगत गायिका लता मंगेशकर की 94वीं बर्थ एनीवर्सरी है। उन्होंने अपने करियर (Lata Mangeshkar career) में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्हें उनकी गायिकी के लिए सर्वोच्च पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। ऐसा कोई सम्मान नहीं था, जो उन्हें मिला ना हो। एक बार उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें दोबारा जन्म मिले तो वो लता मंगेशकर ही बनना चाहेंगी। उन्हें गुजरे हुए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो रहा है। लेकिन आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए। लता ने कम उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत की और खुद को साबित किया। जब वो छोटी थीं तो सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता के निधन के बाद वो जीवन में तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ीं और सभी को अपनी गायिकी के अंदाज गलत साबित किया। लोग उनकी आवाज को लेकर तमाम बातें करते थे। वो कहते थे कि ये अपने परिवार का नाम खराब करेंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
नूरजहां को अपना आइडल मानती थीं लता मंगेशकर
लता मंगेशकर ने जब अपने करियर की शुरुआत मराठी गानों से की थी तो उस समय एक नाम काफी पॉपुलर था। वो कोई और नहीं बल्कि नूरजहां थीं। बाद में बंटवारे के बाद उन्हें पाकिस्तान की मल्लिका ए तरन्नुम कहा गया। वो इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा थीं। खुद लता भी उन्हें अपना आइडल मानती थीं। खाली समय में वो उनके ही गानों को सुना करती थीं। हालांकि, रिपोर्ट्स की मानें तो लता मंगेशकर की गायिकी इतनी बेहतरीन थी कि उनकी तुलना नूरजहां से होने लगी थी। वहीं, नूरजहां ने भी लता को देखकर ये बात कही थी कि वो एक दिन बड़ी सिंगर बनेंगी।
जब एक-दूसरे को देख रो पड़ीं लता-नूरजहां
लता मंगेशकर और नूरजहां के बीच बॉन्डिंग बेहद ही खास रही थी। एक समय ऐसा रहा था जब दोनों एक-दूसरे को देखकर रो पड़ी थीं। ये किस्सा बंटवारे के बाद का है। देश के बंटवारे के बाद जब लता और नूरजहां की मुलाकात भारत-पाक बॉर्डर पर हुई थी तो दोनों एक-दूसरे को देखकर बहुत इमोशनल हो गई थीं और लिपटकर रोने लगी थीं।