Kartam Bhugtam Movie Review: शानदार एक्टिंग, रोमांचक कहानी और मजबूत निर्देशन का संगम है श्रेयस तलपड़े स्टारर फिल्म 'कर्तम भुगतम', सस्पेंस-ट्विस्ट उड़ा देंगे होश
फिल्म - 'करतम भुगतम'
डायरेक्टर - सोहम पी. शाह
कास्ट - श्रेयस तलपड़े, विजय राज, मधु, अक्ष परदासनी
रेटिंग - 3.5
ड्यूरेशन - 2 घंटे 11 मिनट
कहा जाता है ना कि भगवान में आस्था रखना अच्छी बात है लेकिन वो तब तक ही अच्छी होती है जब तक कि अंध विश्वास उस पर हावी ना हो। अंध विश्वास जिस किसी पर भी हावी हुआ है उसका सब चौपट हो गया है। अंध विश्वास के चलते आज के समय में धर्म के नाम पर किसी को भी आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है। इससे आसानी से दूसरों को ठगा जा सकता है। कोई इंसान किस हद तक बेवकूफ बन सकता है इसकी कल्पना कर पाना भी काफी मुश्किल है। कुछ ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं श्रेयस तलपड़े। उनकी फिल्म 'करतम भुगतम' को रिलीज किया गया है। इसमें उनके अभिनय के साथ इसकी कहानी भी काफी रोमांचक है। चलिए इसके बारे में बताते हैं।
सोहम पी. शाह के निर्देशन में बनी फिल्म 'करतम भुगतम' में श्रेयस तलपड़े, विजय राज, मधु, और अक्षा परदासनी जैसे टैलेंटेड एक्टर्स ने काम किया है। ये एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है, जिसकी कहानी काफी इंप्रैसिव है।
कैसी है फिल्म की कहानी?
फिल्म 'करतम भुगतम' की कहानी वहां से शुरू होती है जब देव (श्रेयस तलपड़े) न्यूजीलैंड से भारत आते हैं। देव भारत में अपने पिता की जायदाद को लेने आता है। वो बचपन में ही मां को खो चुका होता है, जिसके बाद उसे पालने वाले उसके पिता ही थे। देव को पिता ने पढ़ा-लिखाकर बड़ा करके विदेश भेज दिया था। वो विदेश में नौकरी करता था। फिर अचानक से कोविड आया और उसके पिता चल बसे। देव अपने पिता से आखिरी घड़ी में मिल नहीं पाता है। अब वो अपनी इस इच्छा को पूरा करना चाहता है। लेकिन ये पूरी नहीं हो सकती थी। वहीं, 10 दिनों के भीतर ही उसे भारत में प्रॉपर्टी बेचकर और सभी काम निपटाकर विदेश लौटना था। लेकिन वो किसी ना किसी वजह से फंस जाता था काम नहीं होता था। इस बीच देव की मुलाकात अन्ना यानी कि विजय राज से होती है। फिल्म में अन्ना हाथ पकड़कर कुंडली तक बता देता है। उसकी बातों में आकर देव ने पूजा-पाठ किया और सारे काम होने लगे लेकिन आगे चलकर वो इसमें इतनी बुरी तरह फंस जाता है कि उससे बाहर नहीं आ पाता है। अब ऐसा क्यों हो रहा है। इस ट्विस्ट के लिए फिल्म का रुख करना पड़ेगा।
'कर्तम भुगतम' की कहानी आत्मा और जीवन के गहरे रहस्यों पर आधारित है। इस रोमांचक कहानी में बहुत से ट्विस्ट और मोड़ भी देखने के लिए मिलते हैं, जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा।
कमाल का है अभिनय
फिल्म 'कर्तम भुगतम' में श्रेयस तलपड़े का अभिनय सभी का दिल जीत लेता है। इसमें उन्होंने देव के किरदार में कमाल का अभिनय दिखाया है। उन्होंने देव के किरदार को संवेदनशील और गहराई से पेश किया है। वहीं, कमाल के अभिनय के धनी विजय राज ने अपनी अद्भुत आवाज के साथ अपने किरदार को और भी रोचक बनाया है। मधु और अक्षा परदसनी ने भी अपने रोल्स में जाने फूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पर्दे पर फिल्म का हर किरदार अपने आपमें खास है, जो बेहद ही रोमांचक है।
कसा हुआ डायरेक्शन और कमाल का म्यूजिक
'कर्तम भुगतम' की कहानी और एक्टिंग के साथ-साथ ये दर्शकों को एक आश्चर्यजनक और भावनात्मक अनुभव प्रदान करती है, जिससे उन्हें फिल्म के साथ जुड़े रहने का एक मजबूत एहसास होता है। फिल्म का म्यूजिक भी इसके हर सीक्वेंस को कमाल कर देता है। म्यूजिक आपको फिल्म के हर सीन्स से कनेक्ट करता है।
'कर्तम भुगतम' का निर्देशन सोहम पी. शाह ने किया है। वो काफी हद तक फिल्म का कॉन्सेप्ट दिखाने में सफल हुए हैं। डायरेक्टर ने फिल्म के हर किरदार को बराबर स्क्रीन स्पेस दिया है। उन्होंने इस रोमांचक कहानी को सराहनीय ढंग से पेश किया है। सोहम ने रहस्मयी दुनिया को बेहद ही प्रभावशाली ढंग से दिखाया है।
फिल्म देखें या नहीं
'कर्तम भुगतम' वाकई में एक अनोखी फिल्म है। इसमें शानदार एक्टिंग, रोमांचक कहानी और मजबूत निर्देशन का एक संगम है। यह फिल्म देखकर आपको नया और अलग अनुभव का एहसास होगा, जो आपकी सोच को चुनौती देगा। इसकी कहानी को आप इन्जॉय करेंगे। अजय देवगन की 'शैतान' के बाद 'कर्तम भुगतम' के रूप में एक बार फिर से मेकर्स शानदार कहानी लेकर आए हैं। जहां अजय देवगन की फिल्म में आपने काला जादू देखा वहीं, श्रेयस की फिल्म में अंध विश्वास का नुकसान देखने के लिए मिलने वाला है।