scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

CineGram: बनारस की मशहूर तवायफ थीं नरगिस की मां, कर्ज उतारने के लिए बेटी से फिल्मों में करवाया काम, जानिए संजय दत्त की नानी की दिलचस्प कहानी

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा रहीं नरगिस की मां जद्दनबाई बनारस की मशहूर तवायफ थीं, जो बाद में देशभर में अपने गानों के लिए जानी जाती थीं।
Written by: एंटरटेनमेंट डेस्‍क | Edited By: Sneha Patsariya
नई दिल्ली | Updated: May 23, 2024 15:40 IST
cinegram  बनारस की मशहूर तवायफ थीं नरगिस की मां  कर्ज उतारने के लिए बेटी से फिल्मों में करवाया काम  जानिए संजय दत्त की नानी की दिलचस्प कहानी
नरगिस की मां जद्दनबाई
Advertisement

संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' जबसे रिलीज हुई है, तबसे तवायफ शब्द का जिक्र लगातार हो रहा है। नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 'हीरामंडी' की कहानी आजादी की जंग लड़ते भारत में, अपने कोठों के लिए मशहूर रेड लाइट एरिया 'हीरामंडी' की कहानी है। जहां की तवायफें नवाबों के लिए महफिलें सजाने और अपने संगीत और नृत्य के लिए मशहूर थीं।

Advertisement

तवायफों के गाने सुनना नवाबों की शान हुआ करती थी। हिंदुस्तानी संगीत और नृत्य की विरासत को सहेज कर रखने वाले तवायफ कल्चर का ब्रिटिश राज में पूरा नक्शा बिगड़ गया, लेकिन कोठों ने बॉलीवुड को भरपूर टैलेंट दिया है। ऐसी ही एक तवायफ की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो बॉलीवुड की पहली म्यूजिक डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बनी थीं। नाम था जद्दनबाई।

Advertisement

कौन थीं जद्दनबाई

जद्दनबाई का जन्म 1892 में बनारस में हुआ था। इनकी मां दलीपाबाई थीं, जो इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की सबसे मशहूर तवायफ थीं और पिता थे मियां जान, जिन्हें जद्दनबाई ने महज 5 साल की उम्र में ही खो दिया था। कोठे पर पली- बढ़ी जद्दन को गायकी और नृत्य का हुनर उनकी मां से मिला था। वह कोठे पर रहकर बड़ी जरूर हुईं, लेकिन उनके कोठे पर देह व्यापार नहीं होता था बल्कि सिर्फ ठुमरी और गजलें पेश की जाती थीं। जद्दनबाई ने मां की लीगेसी को आगे बढ़ाने के लिए कोठे की कमान संभाली और मां से भी ज्यादा मशहूर हो गईं।

जद्दनबाई ने की थीं तीन शादियां

नरगिस की मां ने तीन शादियां की थीं। पहली शादी उन्होंने गुजराती हिंदू बिजनेसमैन नरोत्तम दास से की थी। दोनों का एक बेटा अख्तर हुसैन हुआ। बेटे के जन्म के कुछ सालों बाद ही नरोत्तम जद्दन बाई को छोड़कर चले गए और कभी लौटे ही नहीं। सालों तक बेटे की अकेले परवरिश करने के बाद कोठे में ही हारमोनियम बजाने वाले मास्टर उस्ताद इरशाद मीर खान से जद्दन ने दूसरी शादी की।

जिससे इन्हें दूसरा बेटा अनवर हुसैन हुआ। चंद सालों में ही दोनों अलग हो गए। इसके बाद जद्दनबाई ने लखनऊ के एक रईस परिवार के मोहन बाबू से तीसरी शादी की। जद्दनबाई और मोहन बाबू की एक बेटी हुई नरगिस।

Advertisement

कोठे से निकल कर कर बनाई अलग पहचान

जद्दन बाई ने कुछ सालों बाद कोठे से निकलकर सिंगर बनने के लिए कोलकाता जाने की ठानी। उन्होंने श्रीमंत गणपत राव, उस्ताद मोइनुद्दीन खान, उस्ताद चड्डू खान साहब और उस्ताद लाब खान साहब से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। देखते ही देखते इनके गाने देशभर में पसंद किए जाने लगे। ब्रिटिश शासक इन्हें न्योता देकर रामपुर, बीकानेर, ग्वालियर, जम्मू-कश्मीर जैसी अलग-अलग जगहों पर महफिल सजवाया करते थे।

Advertisement

वहीं यूनाइटेड किंगडम की म्यूजिक कंपनी ग्रामोफोन इनकी गजलों को रिकॉर्ड करवाकर ले जाया करते थे। इतना ही नहीं उन्हें लाहौर की फोटो टोन कंपनी ने साल 1933 में एक फिल्म भी ऑफर की थी। इस फिल्म में काम करके वह एक्टिंग की दुनिया में आ गईं। इन्होंने आगे 'इंसान या शैतान' फिल्म की। इसके बाद वह परिवार के साथ  बॉम्बे (मुंबई) पहुंच गईं।

कर्ज उतारने के लिए बेटी से फिल्मों में करवाया काम

जद्दनबाई ने साल 1935 में अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जिसकी पहली फिल्म तलाश-ए-हक थी। जद्दनबाई को फिल्में बनाने पर नुकसान हो रहा था। उनकी सारी फिल्में फ्लॉप हो रही थी और वह कर्ज में डूब गईं। जद्दन बाई और मोहन बाबू ने नरगिस का दाखिला मुंबई के इंग्लिश मीडियम एलीट स्कूल में करवाया था, लेकिन जब प्रोडक्शन हाउस को नुकसान होने लगा तो उन्हें स्कूल बदलवाना पड़ा और जद्दनबाई ने अपने ऊपर चढ़े कर्ज को उतारने के लिए नरगिस ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा।

महज 6 साल की उम्र में नरगिस ने फिल्मों में  बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था। नरगिस को 14 साल की उम्र में 'तकदीर' फिल्म से पहचान मिली। लेकिन जद्दनबाई की प्रोडक्शन कंपनी बंद हो गई और उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली। जब जद्दन के बेटे अख्तर हुसैन ने फिल्म 'दरोगाजी' बनाई तो जद्दन बाई ने खुद फिल्म के सभी डायलॉग लिखे। 1949 में रिलीज हुई ये इनकी जिंदगी की आखिरी फिल्म थी। 8 अप्रैल 1949 में कैंसर से जद्दन बाई का निधन हो गया। जब नरगिस की मां का निधन हुआ तो उस दिन सभी फिल्मों की शूटिंग रोक दी गई और स्टूडियो एक दिन के लिए बंद कर दिए गए।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो