CineGram: इंदिरा की बहू बनने से पहले डेढ़ महीने तक बच्चन के घर में थीं सोनिया गांधी, फिर क्यों ठुकराया अमिताभ बच्चन का न्यौता?
CineGram: नेहरू परिवार और बच्चन परिवार की दोस्ती बहुत पुरानी है। ये दोस्ती तब हुई इंदिरा गांधी इलाहाबाद के आनंद भवन में रहा करती थीं और हरिवंश राय बच्चन भी इलाहाबाद में थे और कविता लिखा करते थे। कवयित्री सरोजिनी नायडू ने हरिवंश राय बच्चन और इंदिरा गांधी की मुलाकात करवाई और फिर दोनों में दोस्ती हो गई। फिर ये दोस्ती अगली पीढ़ी तक भी पहुंची। राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन भी दोस्त बन गए। राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी में भी बच्चन परिवार की अहम भूमिका थी। शादी से पहले सोनिया गांधी 45 दिनों तक अमिताभ बच्चन के घर में रही थीं और जब शादी हुई तो उनका कन्यादान भी हरिवंश राय बच्चन ने किया था, फिर क्या हुआ कि अब दोनों परिवार के बीच दूरियां आ गईं। ऐसा क्या हुआ था कि सोनिया गांधी ने अमिताभ बच्चन का न्यौता ठुकरा दिया था, आइए जानते हैं आज के सिनेग्राम में।
अमिताभ बच्चन का परिवार हमेशा राजीव गांधी के साथ खड़ा नजर आया। राजीव गांधी जब सोनिया गांधी से शादी करने वाले थे। सोनिया इटली से भारत आईं और शादी से पहले राजीव के घर नहीं रुक सकती थीं, उस वक्त अमिताभ की मां तेजी बच्चन आगे आईं और सोनिया को अपने घर ले गईं। राजीव से शादी से पहले 45 दिनों तक सोनिया गांधी उनके घर पर रहीं, भारत की संस्कृति और तौर-तरीके सीखे। डेढ़ महीने बाद जब राजीव और सोनिया की शादी हुई तो सोनिया के माता-पिता शादी में नहीं शामिल हुए, तो कन्यादान हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन ने किया। सोनिया को बच्चन परिवार में इतना प्यार मिला कि वो तेजी बच्चन को तीसरी मां मानने लगीं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी से पहले मम्मी यानी इंदिरा गांधी ने उन्हें बच्चन परिवार के घर में रहने के लिए कहा था। उनका मानना था कि इस तरह वो भारतीय संस्कृति-परंपरा और तौर-तरीके सीख सकेंगी। ‘धर्मयुग’ को दिये इसी इंटरव्यू में सोनिया गांधी ने अपनी मां और सास इंदिरा गांधी के अलावा अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन को अपनी तीसरी मां कहा था।
सुख-दुख में साथ था बच्चन-नेहरू परिवार
जब ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को चोट लगी थी तो सबसे पहले जो लोग अस्पताल पहुंचे उनमें से राजीव गांधी भी एक थे, इंदिरा गांधी उस वक्त एक आधिकारिक दौरे के लिए अमेरिका गई हुई थीं, मगर जैसे ही वो इंडिया लौटीं तुरंत अमिताभ से मिलने पहुंचीं। अमिताभ बच्चन की फास्ट रिकवरी के लिए देवरहा बाबा से ताबीज मंगवाने से लेकर अपने पारिवारिक पंडित से विशेष पूजा तक करवाने वाले राजीव गांधी के परिवार के साथ अब दूरियां ऐसी बढ़ी हैं कि लगता है कभी दोनों में कोई रिश्ता ही न रहा हो।
राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन भी राजनीति में आए थे, अमिताभ ने इलाहाबाद से चुनाव लड़ा और संसद तक पहुंचे थे मगर बाद में उन्होंने राजनीति से किनारा कर लिया था। राजीव गांधी के निधन के बाद बच्चन परिवार और नेहरू परिवार में दूरियां आ गई थीं। तभी तो जब साल 1999 में अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू किया, तो सोनिया गांधी नहीं पहुंचीं।
बुलावे के बाद भी प्रीमियर पर नहीं आईं सोनिया गांधी
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई अपनी किताब ‘नेता-अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखते हैं कि अमिताभ और जया बच्चन ने अपने बेटे अभिषेक के डेब्यू फिल्म के प्रीमियर के लिए सोनिया गांधी को भी निमंत्रण भेजा, लेकिन उन्होंने आने से इंकार कर दिया था। वजह यह बताई गई कि कांग्रेस की नीतियों के मुताबिक पार्टी का अध्यक्ष किसी फाइव स्टार होटल में इस तरह के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं, क्योंकि कांग्रेस पार्टी सादा जीवन, उच्च विचार के सिद्धांत का पालन करती है। बता दें कि उस वक्त सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हुआ करती थीं।