CineCrime: कोठे के नर्क से निकलकर बेटी को बनाया सुपरस्टार, तवायफ से हीरोइन बनने का ख्वाब लिए मुंबई भागी थीं नीतू कपूर की मां
CineCrime: नीतू कपूर ने लंबे समय तक सिनेमा की रुपहले पर्दे पर राज़ किया लेकिन वो जहां से निकलकर आती हैं ये वाकई उनकी और उनके मां की संघर्ष की कहानी है। नीतू कपूर की नानी को उनके सगे रिश्तेदारों ने कोठे पर बिठा दिया था। हरजीत सिंह एक पंजाबी परिवार की बेटी थी। हरजीत जब 10 साल की थी तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया, हरजीत की प्रॉपर्टी पर उनके चाचा-चाची की नजर थी, और वो हरजीत से छुटकारा पाना चाहते थे। उन्होंने 10 साल की हरजीत को पहले तो मारा-पीटा और फिर पंजाब से दूर दिल्ली ले जाकर उसे कोठे पर जाकर बेच दिया। 18 साल की उम्र में हरजीत इस जिंदगी से तंग आ गई और वो वहां से भाग निकली। एक गाड़ी वाले ने देखा और अपनी गाड़ी रोकी और हरजीत को अपनी गाड़ी में बिठा लिया, वो कोई और नहीं बल्कि लखनऊ का एक मशहूर नवाब अमीनउल्लाह शेख था। वो पहले से शादीशुदा था और उसे अपनी दूसरी कोठी में रख दिया था। 4 साल बाद नवाब का इंतकाल हो गया और उसके बीवी बच्चों ने हरजीत को घर से निकाल दिया। एक बार फिर हरजीत दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो गईं।
इसके बाद हरजीत दोबारा कोठे की काली कोठरी में वापस आ गईं। दरअसल लखनऊ के एक रईस जमाल खान ने उन्हें कोठे को बेच दिया और फिर से वो वही काम करने पर मजबूर हो गईं जिससे वो भागी थीं। कोठे के दलाल फतेह सिंह ने हरजीत से शादी कर ली और उनकी एक बेटी भी हो गई। मगर कोठे के शर्त के मुताबिक हरजीत का बिकना जारी रहा। बेटी का नाम उन्होंने राजी सिंह रखा।
नीतू सिंह की मां थीं राजी सिंह
राजी कोई और नहीं बल्कि नीतू सिंह की मां थीं। जब राज़ी बड़ी हुई ती तो उससे भी वही सब कराया जाने लगा। 14 साल की उम्र से ही उसे इस धंधे में धकेल दिया गया। हालांकि राज़ी बहुत ही महत्वाकांछी थी, वो आगे बढ़ना चाहती थी। उसके सपने में तो वो हीरोइन बन गई थी। अपने सपने को पूरा करने के लिए राज़ी 22 साल की उम्र में कोठे से भागकर दिल्ली पहुंच गई। यहां वो एक मिल में काम करने लगी। मिल में ही उसकी मुलाकात दर्शन सिंह नाम के एक लड़के से हुई। दोनों ने शादी कर ली और शादी के एक साल बाद उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ। बेटी का नाम रखा हरनीत सिंह। यही बच्ची आगे चलकर मशहूर एक्ट्रेस नीतू सिंह के नाम से मशहूर हुई। हरनीत जब 5 साल की हुई तो उसके माता-पिता उसे लेकर दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गए। यहां हरनीत का एक अच्छे स्कूल में एडमिशन कराकर राज़ी सिंह ने अपने हीरोइन बनने का ख्वाब पूरा करने की कोशिश फिर शुरू कर दी। वो स्टूडियो के चक्कर लगाने लगीं, मगर उन्हें हर बार निराशा हाथ लगती। फिर उन्हें समझ में आ गया कि अब उनके हीरोइन बनने का वक्त निकल चुका है और फिर उन्होंने खुद के लिए नहीं बेटी के लिए काम ढूंढ़ना शुरू कर दिया। उनकी कोशिश रंग लाई और राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म सूरज के लिए बाल कलाकार के तौर पर हरनीत कौर को चुन लिया गया।
हरनीत कौर को फिल्म इंडस्ट्री में बेबी सोनिया का नाम मिला। यह फिल्म सुपरहिट रही और 8 साल की हरनीत को काम मिलने लगे। दस लाख, दो दुनी चार और दो कलियां जैसी फिल्में बेबी सोनिया ने की और हर फिल्म हिट रही। दो कलियां में बेबी सोनिया ने डबल रोल निभाया था और उनका काम खूब पसंद किया गया था। इसी फिल्म का गाना 'बच्चे मन के सच्चे' हैं जिसे लता मंगेशकर ने गाया और ये गाना आज भी सुना जाता है। राज़ी सिंह हर हाल में अपनी बेटी को हीरोइन बनाना चाहती थीं और उन्हें लगा कि कहीं उनकी बेटी बाल कलाकार बनकर ही न रह जाए, इसलिए वो चलती हुई फिल्मों के बीच बेबी सोनिया को पंजाब के गांव लेकर चली गईं। इस बीच उनके पति दर्शन सिंह का क्या हुआ? दोनों का तलाक हो गया या फिर उनका निधन हो गया इसकी कोई जानकारी नहीं है।
3 साल बाद नीतू के साथ मुंबई लौटीं राजी
3 साल बाद 1973 में राजी अपनी बेटी के साथ वापस आईं। बेटी का नाम उन्होंने दिया नीतू सिंह। नीतू सिंह अब बेहद खूबसूरत और जवान हो चुकी थीं। लोग बेबी सोनिया को भूल गए और नीतू सिंह को रणधीर कपूर के साथ पहली फिल्म मिल गई जिसका नाम था रिक्शावाला। ये फिल्म फ्लॉप हो गई, राज़ी सिंह नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी पर फ्लॉप का ठप्पा लगे इसलिए वो इस इमेज को बदलने के लिए नीतू सिंह का बोल्ड फोटोशूट करवाया। ये फोटोशूट जब नामी मैगजीन में छपा तो उन्हें अपनी फिल्म में साइन करने के लिए फिल्ममेकर्स की लाइन लग गई। हालांकि नीतू बस उसी फिल्म के लिए हां बोलती थीं जिसके लिए उनकी मां की रजामंदी होती थी। 1973 में ही नीतू कपूर फिल्म यादों की बारात में नजर आईं, ये फिल्म सुपरहिट हो गई और नीतू सिंह का करियर भी चल निकला।
नीतू कपूर को हुआ ऋषि कपूर से प्यार
इसके बाद उनकी मुलाकात ऋषि कपूर से हुई। नीतू और ऋषि कपूर ने साथ में खेल खेल में, दो दुनी चार, दूसरा आदमी, रफू चक्कर, पति पत्नी और वो, झूठा कहीं का और अमर अकबर एंथनी जैसी कई फिल्मों में काम किया। दोनों का प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। ये जोड़ी फैंस की पसंदीदा जोड़ी भी थी, मगर नीतू की मां इस रिश्ते के खिलाफ थीं। राज़ी सिंह को जब उनके और ऋषि कपूर के अफेयर का पता चला तो उन्होंने नीतू कपूर को पीटा भी था, क्योंकि वो इतने संघर्ष के साथ इस मुकाम पर पहुंची थीं और नहीं चाहती थीं कि नीतू शादी करके बाकी कपूर खानदान की बहुओं की तरह हाउसवाइफ बन जाए। लेकिन बाद में जब ऋषि कपूर ने उनसे नीतू का हाथ मांगा और उन्हें भी अपने साथ ले जाने की बात की तो वो तैयार हो गईं और साल 1980 में धूमधाम से ऋषि कपूर और नीतू कपूर की शादी हुई। शादी के बाद नीतू ने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया। ऋषि कपूर के साथ उनके दो बच्चे हुए, बेटी रिद्धिमा कपूर और बेटा रणबीर कपूर। बेटी जहां फैशन डिजाइनर है वहीं बेटा रणबीर फिल्मों में एक्टिंग करते हैं।
दादी बन चुकी हैं नीतू कपूर
साल 2020 में ऋषि कपूर का निधन हो गया और उसके दो साल बाद रणबीर ने अपनी गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट से शादी कर ली। रणबीर और आलिया की एक बेटी है राहा, और नीतू कपूर दादी भी बन चुकी हैं। ऋषि कपूर के निधन के बाद नीतू कपूर ने दूसरी पारी शुरू की और अनिल कपूर के साथ फिल्म जुग जुग जीयो में नजर आईं। वो कई टीवी रियलिटी शो में भी बतौर गेस्ट नजर आती हैं।