CineCrime: देव आनंद के भाई से मोहब्बत करना इस हीरोइन को पड़ा था भारी, 4000 देकर प्रेमी के बेटों ने कामवाली से करवाया था कत्ल
एंटरटेनमेंट की चकाचौंध भरी जिंदगी हर किसी को रास नहीं आती। कई ऐसे नाम हैं जो कुछ ही सालों में इंडस्ट्री से गायब हो गए। कुछ का करियर खत्म हुआ तो कुछ की लाइफ ही खत्म हो गई। ऐसे कई एक्टर्स हैं, जिन्होंने कम समय में ही सिनेमा जगत में अपनी पहचान तो बना ली, लेकिन उनकी जिंदगी ज्यादा लंबी नहीं रही। इनमें से एक थीं प्रिया राजवंश, जिन्हें प्यार करने के बदले मौत मिली और कई साल बीत जाने के बाद भी उनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई।
प्रिया राजवंश ने अपने करियर में कुछ ही फिल्में की थीं, जिनमें राज कुमार की 'हीर रांझा' भी शामिल थी। दोनों की जोड़ी खूब पसंद किया गया था। इसके बाद प्रिया ने हंसते जख्म', 'साहेब बहादुर, 'हिंदुस्तान की कसम', 'कुदरत', 'हाथों की लकीरें' जैसी बड़ी फिल्में भी की।
चेतन आनंद से हुआ था सच्चा प्यार
उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनका नाम हमेशा से ही चेतन आनंद के साथ लिया जाता रहा है। चेतन आनंद फिल्म प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर होने के साथ-साथ देव आनंद के भाई थे। प्रिया और चेतन एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन चेतन पहले से शादीशुदा था। उनकी पत्नी का नाम ऊषा आनंद था और प्रिया के मिलने के बाद वह उनसे अलग हो गए थे।
चेतन ने नाम कर दी थी अपनी संपत्ति
रिपोर्ट्स की मानें तो प्रिया का करियर चेतन आनंद ने ही बनाया था और उन्हीं के नाम के साथ हमेशा उनका नाम लिया जाता था। प्रिया राजवंश को चेतन आनंद का सच्चा साथी कहा जाता था। चेतन उन्हें इतना प्यार करते थे कि उन्होंने अपनी संपत्ति का एक हिस्सा प्रिया के नाम कर दिया था। चेतन की मौत 1997 में हुई थी और उन्होंने अपनी संपत्ति के तीन हिस्से किए थे, जो उनकी पहली पत्नी से हुए दोनों बेटों और प्रिया में बांटे गए।
कामवाली ने किया था कत्ल
दोनों बेटों के अलावा चेतन ने प्रॉपर्टी का तीसरा हिस्सा प्रिया के नाम कर दिया था और ये बात उनकी पत्नी और बेटों को कतई पसंद नहीं आई। चेतन की मौत के तीन साल बाद साल 2000 में प्रिया का शव चेतन आनंद के बंगले में पड़ा मिला था। शुरुआत में उनकी मौत को आत्महत्या बताया जा रहा था और ये भी कहा जा रहा था कि शराब का ज्यादा सेवन करने के कारण उनकी मौत हुई। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि उन्हें गला दबाकर मारा गया था।
4000 रुपये के लिए दबाया गला
बताया जाता है कि उस रात प्रिया की चेतन के घर पर काम करने वाली मेड जिसका नाम माला था, उससे बहस हुई थी। जब पूछताछ हुई तो माला ने ये स्वीकार कर लिया कि उसने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर प्रिया की हत्या की थी। इसके साथ ही उसने ये भी कहा था कि उसे चेतन के परिवार के सदस्यों ने 4000 रुपये दिए थे।
प्रिया की मौत के कुछ साल बाद ये सामने आया था कि चेतन के बेटों ने प्रिया को मारने के लिए माला को पैसे दिए थे। हालांकि उन्हें बेल मिल गई और वह आजाद घूमते रहे। साल 2011 में एक बार फिर इस केस की फाइल खोली गई और आजतक इस केस में कोई फैसला नहीं सुनाया गया।