scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

1 रुपये की कौन सी किताब पढ़कर रातों-रात बदल गई थी कुमार विश्वास की जिंदगी? भड़क गए थे पिता

कुमार विश्वास की कवि बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। उनके पिता हिंदी के प्रोफेसर थे, फिर भी नहीं चाहते थे कि बेटा कवि और शायर बने।
Written by: एंटरटेनमेंट डेस्‍क | Edited By: Sneha Patsariya
नई दिल्ली | Updated: June 24, 2024 13:48 IST
1 रुपये की कौन सी किताब पढ़कर रातों रात बदल गई थी कुमार विश्वास की जिंदगी  भड़क गए थे पिता
कुमार विश्वास (image: kumar vishwas/fb)
Advertisement

डॉ. कुमार विश्वास आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनकी गिनती देश के बेहतरीन कवि, शायर और लेखकों में होती है। इन दिनों राम कथा से शोहरत बटोर रहे हैं। कवि कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी (AAP) को सालों पहले छोड़ चुके हैं लेकिन अपनी राजनीतिक टिप्पणियों को लेकर वह हमेशा चर्चाओं में रहते हैं।

Advertisement

कुमार विश्वास अपनी पर्सनल लाइफ पर बहुत कम ही बात करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कमार विश्वास की कवि बनने की कहानी बहुत की दिलचस्प है। गाजियाबाद से सटे पिलखुवा में जन्में कुमार विश्वास के पिता चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने। लेकिन एक रुपये की किताब पढ़कर कुमार विश्वास के जीवन में बड़ा बदलाव आया और उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ दी।

Advertisement

पिता चाहते थे इंजीनियर बनें

कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के पिलखुवा में हुआ था। इनके पिता का नाम डॉ. चंद्रपाल शर्मा हैं, जो आरएसएस डिग्री कॉलेज में प्राध्यापक हैं और मां का नाम रमा शर्मा है। वह अपने चार भाइयों में सबसे छोटे हैं। कुमार विश्वास की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुआ के लाला गंगा सहाय विद्यालय में हुई। उन्होंने राजपुताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से 12वीं पास की है। आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पिता चाहते थे कि कुमार इंजीनियर बनें। लेकिन उनका इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मन नहीं लगता था। नीलेश मिश्रा के शो The Slow Interview में डॉ. कुमार विश्वास बताते हैं इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में कुछ ऐसा हुआ, वह पढ़ाई छोड़कर घर लौट आए और हिंदी साहित्य में 'स्वर्ण पदक' के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। एमए करने के बाद उन्होंने 'कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना' विषय पर पीएचडी हासिल की। उनके इस शोधकार्य को वर्ष 2001 में पुरस्कृत भी किया गया था।

कौन सी किताब पढ़कर छोड़ दी थी इंजीनियरिंग

कुमार विश्वास ने शो में बताया कि इंजीनियरिंग की फर्स्ट ईयर में मिड ब्रेक हुआ था। हॉस्टल में मेरा रूम पार्टनर अपने घर पंजाब चला गया है। मैं अकेले हॉस्टल में रहा। एक दिन मैं अपने रूम पार्टनर की किताबें देखने लगा। उसमें एक किताब थी। जिसका शीर्षक था- ‘माटी कहे कुम्हार से। किताब के लेखक थे रजनीश और कीमत थी 1 रुपया। यह किताब मेरे लिए जीवन की नई व्याख्या की तरह थी। किताब में एक जगह लिखा था कि अपनी अंदर की आवाज के खिलाफ कभी मत जाइए। अपनी आवाज के खिलाफ जाने का मतलब है, ईश्वर के खिलाफ जाना। मैं वो किताब एक झटके में पढ़ गया। किताब बंद की तो सोचने लगा कि मेरे अंदर की आवाज क्या है? मेरे मन में बार-बार आता था कि मुझे कवि बनना है, गाना गाना है, कविताएं सुनानी हैं। पर मैं इंजीनियरिंग की थ्योरी पढ़ जा रहा था। कुमार विश्वास बताते हैं उस वक्त लोहे का होल्डाल आता था। मैंने उसमें अपना सारा सामान रखा। जाड़े की रात थी। मैंने इक्का (तांगा) बुलाया। वहां से स्टेशन पहुंचा और घर आ गया।'

मैंने कहा कि मैं कवि बनना चाहता हूं

कवि ने आगे कहा कि 'घर पहुंचने पर सब पूछने लगे कि अचानक क्या हो गया? क्यों चले आए? कॉलेज में मन नहीं लग रहा है तो आईआईटी की तैयारी कर लेते। पहले सबसे पहले अपनी बड़ी बहन वंदना शर्मा को सब कुछ बताया। उन्होंने ही मेरा नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास किया। मैंने कहा कि मैं कवि बनना चाहता हूं। मेरी बहन चौंक गई। उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहा है? पिताजी को पता लगेगा तो क्या करेंगे? पापा कहते हैं तुझे इंजीनियर बनना है, आईआईटी क्रैक करनी है। फिर मेरी बहन ने मां को पूरी बात बताई। वह सुनते ही रोने लगीं। मां के जरिये पूरी बात पिताजी को पता चली।'

Advertisement

कुमार विश्वास ने आगे कहा कि 'सुबह जब में उठा तो घर में हंगामा हो रहा था। पिताजी ने मुझे बुलाया और पूछा कि मैं क्या सुन रहा हूं? उन्होंने मुझे बहुत डांटा। यह पहली बार था जब पिताजी मुझसे इस तरह से बात कर रहे थे। पिताजी ने मुझे डपटते हुए कहा कि यह सब क्या बकवास है। पहले इंजीनियरिंग कर लो, फिर इसके बाद जो मन में आए कर लेना। लेकिन में अपना पूरा मन बना चुका था। इसके बाद मेरे 12-15 दिन बहुत मुश्किल से बीते।'

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो