क्या आपने ध्यान दिया Heeramandi की इन कमियों पर! हो रही है ट्रोलिंग
- Advertisement
हाल ही में डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित वेब सीरीज 'हीरामंडी-द डायमंड बाजार' ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। इस सीरीज में अदिति राव, सोनाक्षी सिन्हा और मनीषा कोइराला सहित बॉलीवुड की कई एक्ट्रेसेज ने अहम भूमिका निभाई है। इस सीरीज की कहानी 1910-1940 की अवधि के दौरान ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि पर फिल्माई गई है।
Advertisement - Advertisement
कहानी विभाजन से पहले और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लाहौर के हीरामंडी में बसने वाली मलिका जान नाम की एक तवायफ और उसके कोठे के इर्द-गिर्द घूमती है। हालांकि, यह सीरीज लाहौर की हीरामंडी की सही छवि पेश करने में असफल रही है। हाल ही में पाकिस्तान के एक डॉक्टर ने संजय लीला भंसाली की लाहौर की हीरामंडी दिखाने की कोशिश की खुलेआम आलोचना की है।
पाकिस्तानी डॉक्टर ने असली हीरामंडी की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि हीरामंडी में तवायफों के पास इतने पैसे और ज्वैलरी नहीं होती थी और न ही उन्होंने कभी ब्राइडल लहंगा पहना, जैसा कि सीरीज में दिखाया गया है। वहीं, फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने भी पाकिस्तानी डॉक्टर को सपोर्ट करते हुए कहा कि हीरामंडी सच में वैसी नहीं है जैसी सीरीज में दिखाई गई है।
उन्होंने इस सीरीज की आलोचना करते हुए कहा था कि यह वेश्याओं के जीवन का महिमामंडन करती है जबकि उनका जीवन अन्याय और दर्द से भरा होता है। विवेक अग्निहोत्री ने कहा, "मैंने वेब सीरीज नहीं देखी, लेकिन मैं लाहौर में हीरामंडी कई बार गया हूं। वेश्यालय कभी भी रईस, ग्लैमर या सुंदरता के स्थान नहीं पर नहीं रही हैं। बॉलीवुड में तवायफों और वेश्यालयों को रोमांटिक बनाने की ट्रेंड है।"
वहीं, लाहौर के लोगों के मुताबिक हीरामंडी के मकानों में आपको एक भी आंगन नहीं मिलेगा, जैसा कि भंसाली के सेट पर दिखाया गया है। उनके मुताबिक, उस इलाके में कई मंजिलों वाली बड़ी-बड़ी कोठियां थीं। लेकिन सीरीज में दिखाई गई इमारतों का हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा भी सीरीज में ऐसी कुछ गलतियां दिखाई गई है जिन्हें देखने के बाद आप भी सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
जैसे की सीरीज के चौथे एपिसोड में जब अदिति राव हैदरी (बब्बो जान) अपनी बहन आलमजेब द्वारा ताजदार को लिखी चिट्ठी लेकर नवाज के पास जाती हैं तो उनके पीछे अलमारी में रखी किताबों में से एक लेखिका उमैरा अहमद का लिखा गया उपन्यास पीर-ए-कामिल भी होता है। बता दें, इस सीरीज के अनुसार यह सीन विभाजन से पहले का है और पीर-ए-कामिल साल 2004 में छपा था।
ऐसे ही एक और सीन में सोनाक्षी सिन्हा (फरीदा) जो उर्दू अखबार पढ़ रही हैं वो साल 2022 का है और एक्ट्रेस ने जो अखबार पकड़ा है उसके पन्ने पर कोरोना वायरस की खबर भी छपी है। इन खबरों में बताया गया है कि कैसे आपका आत्मविश्वास कोरोना वायरस से लड़ने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा वारंगल नगर निगम चुनाव और यूथ कांग्रेस की 50 हजार मास्क बांटने की योजना की खबर भी अखबार में छपी है। वहीं, अखबार के नाम को लेकर भी सोशल मीडिया पर खूब मीम्स बन रहे हैं। ऐसी गलतियां देखने के बाद ट्रोलर्स का कहना है कि अगर इतने बड़े बजट की सीरीज बनाने से पहले डायरेक्टर ने रिसर्च पर कुछ पैसे खर्च किए होते तो उनको इतनी आलोचना का सामना नहीं करना पड़ता।
(Stills From Web Series)
(यह भी पढ़ें: 28 मई को यहां फ्री में देख सकेंगे ‘पंचायत 3’, जानिए क्या है तरीका)