योगी: यूपी को कश्मीर, केरल और बंगाल बनने में देर नहीं लगेगी, गरीबी के पैमाने पर तीनों राज्यों से पिछड़ा है प्रदेश
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टियां जमकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिशें कर रहे हैं। ऐसी ही एक अपील सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से मतदाताओं से की गई थी।
कश्मीर, केरल और बंगाल बन जायेगा उत्तर प्रदेश
योगी आदित्यनाथ ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि "मुझे आपसे अपने दिल की एक बात कहनी है, इन 5 सालों में बहुत कुछ अभूतपूर्व काम हुआ है। सावधान रहिए आप इस बार चुके तो 5 सालों की मेहनत में पानी फिर जाएगा और इस बार उत्तर प्रदेश को कश्मीर बंगाल और केरल बनने में देर नहीं लगेगी।"
गरीबी में सबसे पिछड़ा उत्तर प्रदेश
वही गरीबी के पैमाने पर बात करें तो पश्चिम बंगाल, कश्मीर और केरल तीनों प्रदेशों की स्थिति उत्तर प्रदेश से कई गुना अधिक बेहतर है। तीनों राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। नीति आयोग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक केरल में कुल आबादी का 0.7%, जम्मू कश्मीर में कुल आबादी का 12.6% और पश्चिम बंगाल में कुल आबादी का 21.4% हिस्सा गरीब है। वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में कुल आबादी का 37.8% हिस्सा गरीब है। इस लिहाज से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश बिहार के बाद देश का दूसरा सबसे गरीब राज्य है।
राष्ट्रीय औसत से भी तीनों राज्यों में स्थिति बेहतर
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश की कुल आबादी का 25% हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करता है। वही केरल,बंगाल और जम्मू कश्मीर की स्थिति देश के राष्ट्रीय औसत से स्थिति बेहतर दिखाई देती है।
श्रवास्ती और बहराइच की 70 फीसदी आबादी गरीब
उत्तर प्रदेश के श्रवास्ती और बहराइच देश के सबसे ग़रीब जिलों में शामिल हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक श्रावस्ती जिले की 74.38 फीसदी और बहराइच जिले की 71.88 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है।
देश के सबसे कम गरीब आबादी वाले जिले
नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार केरल के कोट्टयम और एर्नाकुलम देश के सबसे कम गरीब आबादी वाले जिले है। कोट्टयम की 0.01 फीसदी आबादी गरीब है जबकि एर्नाकुलम की 0.10 फीसदी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है।