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'सपा सरकार के काम इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं', मायावती ने अखिलेश के परिवार का जिक्र कर कह दी बड़ी बात

मायावती ने कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Yashveer Singh
Updated: May 08, 2024 23:29 IST
मायावती ने अखिलेश यादव पर हमला बोला है (X/Mayawati)
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बसपा अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को नसीहत दी है। मायावती ने कहा है कि बीएसपी में क्या चल रहा है, अखिलेश इसकी चिंता न करें तो बेहतर होगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपने परिवार व यादव समाज के प्रत्याशियों की हालत की चिंता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है।

मायावती ने X पर पोस्ट कर कहा,  "बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है।"

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'सपा दलित विरोधी'

उन्होंने अगले पोस्ट में कहा, "सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल।"

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 इसके बाद यूपी की पूर्व सीएम ने कहा, "बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।"

मायावती को अच्छी नहीं लगी अखिलेश की बात?

दरअसल मायावती द्वारा यह बयान अखिलेश यादव की उस टिप्पणी के बाद दिया गया है, जिसमें उन्होंने बीएसपी की एक भी सीट न आने का दावा किया था। अखिलेश ने बुधवार को कहा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वह उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि  इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है।

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Tags :
Mayawatiलोकसभा चुनाव 2024
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