'RSS ने रणनीति के तहत मुझे कांग्रेस में भेजा', घरवापसी के बाद रामकिशोर शुक्ला की टिप्पणी पर घमासान
Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। मिशन 370 को हासिल करने के लिए बीजेपी विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को अपने साथ लाने में लगी हुई है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश बीजेपी ने कुछ दिन पहले कांग्रेस के टिकट पर मऊ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले रामकिशोर शुक्ला को तोड़ने में सफलता पाई है। रामकिशोर शुक्ला पहले बीजेपी में ही थे लेकिन वो विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
रामकिशोर शुक्ला कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मऊ से विधानसभा चुनाव लड़े थे। वह 29,144 वोटों के साथ तीसरे नंबर रहे। इस सीट पर बीजेपी की नेता ऊषा ठाकुर ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे पूर्व कांग्रेसी अंतर सिंह दरबार को 34,392 वोटों से हराया था। चुनाव में रामकिशोर शुक्ला की जमानत जब्त हो गई थी।
अंतर सिंह दरबार दो बार मऊ के विधायक रह चुके हैं लेकिन वो साल 2023 में कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने पर निर्दलीय चुनाव लड़े। इस समय अंतर सिंह दरबार और रामकिशोर शुक्ला दोनों ही बीजेपी में हैं। अंतर सिंह दरबार पिछले महीने ही बीजेपी में शामिल हुए हैं जबकि रामकिशोर शुक्ला की घरवापसी महज कुछ दिन पहले हुई है।
'RSS नेता ने दिया था कांग्रेस में शामिल होने का निर्देश'
बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए रामकिशोर शुक्ला ने कहा, "मैं चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुआ, मऊ से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गया। यह सब कुछ चुनावी रणनीति के तहत किया गया और मैंने यह सब पिछले साल अक्टूबर में एक RSS नेता के निर्देश पर किया।"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस से चुनाव लड़ने की वजह यह थी कि उस समय बीजेपी प्रत्याशी ऊषा ठाकुर कमजोर स्थिति में थीं। पार्टी के अंदर उनका बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा था। पूर्व कांग्रेस विधायक अंतर सिंह दरबार निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद चुके थे और इसलिए वजह से मैं कुर्बानी देने के लिए तैयार हुआ।
शुक्ला ने यह भी दावा किया कि अंतर सिंह दरबार को बीजेपी ने ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़वाया था। जब उनसे यह रणनिति बनाने वाले RSS नेता के नाम के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने विश्व हिंदू परिषद इंदौर विभाग के संगठन मंत्री अभिषेक उदेनिया का नाम लिया।
रामकिशोर शुक्ला के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसकी वजह से मऊ की सियासत में तूफान आया हुआ है। पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार की तरफ से उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने अपनी पार्टी के ही कार्यकर्ता पर मुकदमा करने की बात कही है।
अंतर सिंह दरबार बोले- करूंगा मानहानि का मुकदमा
अंतर सिंह दरबार ने कहा, "यह रामकिशोर शुक्ला जैसे नेता का गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव है। यह पूरी तरह से गलत आरोप हैं कि बीजेपी ने मुझे चुनाव मैदान में उतारा। मैंने शुक्ला से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है औऱ मैं आज रात तक इंतजार करूंगा। अगर वो स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो मैं उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा कर दूंगा।"
जब वीएचपी के अभिषेक उदेनिया से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने शुक्ला के दावे को निराधार बताया। मऊ की विधायक ऊषा ठाकुर ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी शुक्ला के दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।