अमेठी छोड़ रायबरेली जाएंगे राहुल गांधी? स्मृति के सामने केएल शर्मा के नाम की चर्चा
Amethi Raebareli Lok Sabha Seat: जिन सीटों पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होना है, वहां आज नामांकन का आखिरी दिन है। पांचवे चरण में 20 मई को यूपी की 14 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें अमेठी, रायबरेली और कैसरगंज की लोकसभा सीटें शामिल हैं।
कैसरगंज और रायबरेली लोकसभा सीट पर गुरुवार शाम बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया लेकिन कांग्रेस पार्टी गुरुवार देर रात तक इस विषय में कोई फैसला नहीं ले सकी। कांग्रेस की तरफ से बुधवार दोपहर में 24 घंटे के भीतर अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने की बात कही गई थी।
गुरुवार शाम को अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों को लेकर तमाम तरह की खबरें आईं। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि गांधी परिवार ताल ठोकेगा। अब विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी शुक्रवार सुबह अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स में और कांग्रेस पार्टी कवर करने वाले पत्रकारों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी के बजाय रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे जबकि अमेठी लोकसभा सीट से गांधी परिवार के विश्वासपात्र और सोनिया गांधी के निजी सचिव किशोरी लाल शर्मा चुनाव लड़ेंगे। वह गांधी परिवार से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।
रायबरेली क्यों? अमेठी क्यों नहीं
वैसे तो रायबरेली और अमेठी- दोनों ही कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीटें हैं। यूपी में शायद इन्हीं दो सीटों पर आज भी कांग्रेस पार्टी के पास कार्यकर्ता और जनाधार हैं। इन दोनों ही सीटों से गांधी परिवार के लोग संसद पहुंचते रहे हैं। राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट पर तीन बार जीत चुके हैं लेकिन पिछली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
अमेठी में मिली हार के बाद उनकी इस सीट से दूरी भी बन गई जबकि मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री लगातार अमेठी आती-जाती रही हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। स्मृति ईरानी अमेठी लोकसभा सीट पर लगातार ध्यान भी दे रही हैं।
इसके ठीक उलट रायबरेली लोकसभा सीट पर न सिर्फ कांग्रेस जीत रही है बल्कि बड़ा मार्जिन भी बरकरार रखे हुए है। अमेठी के उलट यहां बीजेपी के पास अभी भी कोई बड़ा फेस नहीं है। बीजेपी ने यहां योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि दिनेश के सामने राहुल गांधी का कद उनकी राह आसान करेगा।
इसके अलावा एक फैक्टर सोनिया गांधी की वो भावनात्मक चिट्ठी भी बताई जा रही है, जो उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा का नामांकन भरते समय रायबरेली के लोगों को लिखी थी। यह चिट्ठी गुरुवार से सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है। कांग्रेस नेताओं का यह मानना है कि उनकी यह चिट्ठी रायबरेली से चुनाव लड़ने में राहुल गांधी के पक्ष में काम करेगी।