scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

कश्मीर में दिखा चुनावी जोश, कभी गांव के लोगों ने लगाया था सेना पर उत्पीड़न का आरोप, मतदान के लिए देखने को मिली लंबी-लंबी कतार

Loksabha Election 2024: अनंतनाग-राजौरी लोकसभा में पिछले 35 सालों का रिकॉर्ड टूटा है। इस बार ऐतिहासिक 50 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 26, 2024 09:46 IST
कश्मीर में दिखा चुनावी जोश  कभी गांव के लोगों ने लगाया था सेना पर उत्पीड़न का आरोप  मतदान के लिए देखने को मिली लंबी लंबी कतार
Loksabha Election 2024: अनंतनाग-राजौरी लोकसभा में पिछले 35 सालों का रिकॉर्ड टूटा। इस बार ऐतिहासिक 50 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है।
Advertisement

देश में हो रहे चुनाव का असर जम्मू कश्मीर में भी देखने को मिल रहा है। छठे चरण के दौरान कश्मीर के अंनतनाग-राजौरी लोकसबा में भी वोटिंग हुई। यहां पर इस बार के लोकसभा चुनाव में वोटर्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। पिछले 35 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ जब 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया हो। हालांकि पहली बार ये भी देखने को मिल रहा है कि बीजेपी पूरी तरह से मैदान से गायब है।

Advertisement

अंनतनाग-राजौरी लोकसभा चुनाव में वोट देने के लिए लोगों ने 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय की। वजीर हुसैन अपने बेटे फारुख के साथ टोपा मीर गांव से लगभग 8 किलोमीटर दूर दानार सावनी के सरकारी माध्यमिक विद्यालय पहुंचे थे। जहां उन्होंने मतदान किया।

Advertisement

वोट देने के बाद वजीर हुसैन ने बताया कि उन्होंने सबको विकास और न्याय के रास्ते पर सबको एक साथ लेकर चलने वाली सरकार के लिए वोट किया है। उन्होंने अपने गांव के बारे में बताया कि टोपा मीर से बहुत से लोगों ने मतदान किया है।

सेना पर उत्पीड़न का आरोप

Advertisement

यह वहीं टोपा मीर गांव है जिस पर सेना के अत्याचार करने का आरोप है। सेना पर आरोप है कि साल 2020 में 21 दिसंबर की रात में देहरी की गली स्थित बफलियाज रोड पर आतंकी हमले में चार सैनिकों की हत्या हुई थी।

Advertisement

इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर गांव के ही 8 लोगों को उठाया था। जिसमें से 3 की मौत हो गई थी। जबकि पांच लोगों को गंभीर यातना दी गई थी जिसके वजह से अगले 20 दिनों तक सभी पांचों को पोथा स्थित सेना के अस्पताल में इलाज हुआ है। इन्ही पांच लोगों में से एक वजीर हुसैन का बेटा फारुख भी था। फारुख के साथ उसका बड़ा भाई रियाज और चचेरे भाई इसराइल उन्हीं 8 लोगों में थे।

थानामंडी में हुआ था सेना के वाहनों पर हमला

वहीं पास के ही थानामंडी इलाके में भी खूब मतदान देखने को मिला। इसी जगह से सेना के वाहनों पर हमले के सिलसिले को लेकर पुछताछ के लिए सुरक्षा बलों ने पांच लोगों को उठाया था। जिसे बाद सेना ने राजौरी के सरकारी जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।

बीएसएफ में अपनी सेवाएं दे रहे नूर अहमद ने भी राजौरी के थानामंडी में मतदान किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है। जिसमें हर भारतीय को शामिल होना चाहिए। नूर अहमद के भाई सफीर अहमद को लेकर कथित तौर पर सेना पर आरोप है कि यातना के दौरान मौत हो गई थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में हुई थी मजह 8 फीसदी वोटिंग

अनंतनाग-राजौरी में पिछले बार हुए लोकसभा चुनाव में महज 8.98 वोटिंग हुई थी। जबकि साल 2014 के चुनाव में 28.84 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं इस बार के चुनाव में 51. 35 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने भी मतदान किया है। ऐसा अनुमान है कि 40 फीसदी प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो