कश्मीर में दिखा चुनावी जोश, कभी गांव के लोगों ने लगाया था सेना पर उत्पीड़न का आरोप, मतदान के लिए देखने को मिली लंबी-लंबी कतार
देश में हो रहे चुनाव का असर जम्मू कश्मीर में भी देखने को मिल रहा है। छठे चरण के दौरान कश्मीर के अंनतनाग-राजौरी लोकसबा में भी वोटिंग हुई। यहां पर इस बार के लोकसभा चुनाव में वोटर्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। पिछले 35 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ जब 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया हो। हालांकि पहली बार ये भी देखने को मिल रहा है कि बीजेपी पूरी तरह से मैदान से गायब है।
अंनतनाग-राजौरी लोकसभा चुनाव में वोट देने के लिए लोगों ने 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय की। वजीर हुसैन अपने बेटे फारुख के साथ टोपा मीर गांव से लगभग 8 किलोमीटर दूर दानार सावनी के सरकारी माध्यमिक विद्यालय पहुंचे थे। जहां उन्होंने मतदान किया।
वोट देने के बाद वजीर हुसैन ने बताया कि उन्होंने सबको विकास और न्याय के रास्ते पर सबको एक साथ लेकर चलने वाली सरकार के लिए वोट किया है। उन्होंने अपने गांव के बारे में बताया कि टोपा मीर से बहुत से लोगों ने मतदान किया है।
सेना पर उत्पीड़न का आरोप
यह वहीं टोपा मीर गांव है जिस पर सेना के अत्याचार करने का आरोप है। सेना पर आरोप है कि साल 2020 में 21 दिसंबर की रात में देहरी की गली स्थित बफलियाज रोड पर आतंकी हमले में चार सैनिकों की हत्या हुई थी।
इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर गांव के ही 8 लोगों को उठाया था। जिसमें से 3 की मौत हो गई थी। जबकि पांच लोगों को गंभीर यातना दी गई थी जिसके वजह से अगले 20 दिनों तक सभी पांचों को पोथा स्थित सेना के अस्पताल में इलाज हुआ है। इन्ही पांच लोगों में से एक वजीर हुसैन का बेटा फारुख भी था। फारुख के साथ उसका बड़ा भाई रियाज और चचेरे भाई इसराइल उन्हीं 8 लोगों में थे।
थानामंडी में हुआ था सेना के वाहनों पर हमला
वहीं पास के ही थानामंडी इलाके में भी खूब मतदान देखने को मिला। इसी जगह से सेना के वाहनों पर हमले के सिलसिले को लेकर पुछताछ के लिए सुरक्षा बलों ने पांच लोगों को उठाया था। जिसे बाद सेना ने राजौरी के सरकारी जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
बीएसएफ में अपनी सेवाएं दे रहे नूर अहमद ने भी राजौरी के थानामंडी में मतदान किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है। जिसमें हर भारतीय को शामिल होना चाहिए। नूर अहमद के भाई सफीर अहमद को लेकर कथित तौर पर सेना पर आरोप है कि यातना के दौरान मौत हो गई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में हुई थी मजह 8 फीसदी वोटिंग
अनंतनाग-राजौरी में पिछले बार हुए लोकसभा चुनाव में महज 8.98 वोटिंग हुई थी। जबकि साल 2014 के चुनाव में 28.84 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं इस बार के चुनाव में 51. 35 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने भी मतदान किया है। ऐसा अनुमान है कि 40 फीसदी प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।