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किसके कहने पर अमेठी के सियासी रण में उतरने को तैयार हुए किशोरी लाल शर्मा? बताया 2019 में क्यों हारे थे राहुल गांधी

Amethi Lok Sabha Chunav 2024: अमेठी सीट पर राहुल गांधी के फिर से चुनावी मैदान में उतरने की उम्मीद थी लेकिन कांग्रेस ने इस सीट से किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था।
Written by: Maulshree Seth
Updated: May 09, 2024 18:56 IST
किसके कहने पर अमेठी के सियासी रण में उतरने को तैयार हुए किशोरी लाल शर्मा  बताया 2019 में क्यों हारे थे राहुल गांधी
Amethi Lok Sabha Chunav 2024: गांधी परिवार के करीबी हैं किशोरी लाल शर्मा (सोर्स - PTI/File)
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Lok Sabha Chunav 2024: वायनाड में दूसरे चरण के तहत वोटिंग कंप्लीट होने के बाद माना जा रहा था कि सांसद राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन नामांकन के दिन सुबह कांग्रेस ने चौंकाते हुए राहुल की जगह गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से प्रत्याशी घोषित कर दिया था। किशोरी लाल वहीं हैं जो अमेठी और रायबरेली सीट पर गांधी परिवार के नेताओं के लिए पूरा चुनावी कैंपेन तैयाार करते थे और रणनीति बनाते थे।

अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ता चाह रहे थे कि राहुल गांधी चुनाव लड़ें लेकिन कांग्रेस ने किशोरी लाल की निष्ठा पर विश्वास जताते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया था। ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि आखिर उन्हें किसने इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए सबसे पहले कहा था और चुनावी मैदान में उतरने के लिए मनाया था। इस पर किशोरी लाल ने खुद जवाब दिया है।

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अमेठी से चुनाव लड़ने का किसने दिया था प्रस्ताव

किशोरी लाल ने कहा कि हम सब चाहते थे कि राहुल गांधी चुनाव लड़ें लेकिन उन्हें गांधी परिवार ने अमेठी से उतार दिया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने मुझसे कहा कि किशोरी जी इस बार आपको चुनाव लड़ना है।

किशोरी लाल ने कहा कि प्रियंका ने उनसे कहा था कि आपने हमारे परिवार को बहुत सारे चुनाव लड़वाए हैं, एक चुनाव हमको भी आपको लड़ाना है।' मैंने इसे स्वीकार कर लिया। ये सभी यहां प्रचार करने आएंगे। प्रियंका जी ने तारीखें दे दी हैं, राहुल जी भी आएंगे।

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आखिर क्यों 2019 में हारे थे राहुल गांधी?

साल 2019 में राहुल गांधी दो सीटों से चुनाव लड़े थे। उन्हें केरल की वायनाड सीट से तो जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन अमेठी में उन्हें स्मृति इरानी ने हरा दिया था। उस हार की वजहों को लेकर किशोरी लाल ने कहा कि उस चुनाव में निगरानी की कमी थी। कार्यकर्ताओं ने मुझे बताया कि उनसे यह पूछने वाला कोई नहीं था कि वे कहाँ जा रहे हैं, या क्या कर रहे हैं। अन्यथा हार का 55 हजार का अंतर इतना बड़ा नहीं था, उसे कवर किया जा सकता था।

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बीजेपी के आरोपों पर कही ये बात

बीजेपी ने आरोप लगाए थे कि जिन केएल शर्मा की वजह से 2019 में राहुल हारे थे, पार्टी ने इस बार उन्हें ही प्रत्याशी बना दिया। इसको लेकर किशोरी लाल ने कहा कि वह 2019 के चुनाव में रायबरेली में थे और वहां का चुनाव मैनेज कर रहे थे, अमेठी के लिए अलग टीम थी, जो कि अब बदली जा चुकी है।

अंदरूनी कलह को लेकर कही ये बात

अमेठी की हार के पीछे पार्टी की अंदरूनी कलह भी बताई जाती रही है और इस सीट पर यह अंदरूनी कलह बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती है। केएल शर्मा को टिकट मिलने पर इस अंदरूनी कलह बढ़ने के दावे भी किए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर किशोरी लाल ने कहा कि अंदरूनी कलह है, लेकिन जब बात मेरी आती है तो सब सुलझ जाता है। मैं उनका बड़ा भाई हूं। उन्हें डांट सकता हूं, उनसे प्यार से बात कर सकता हूं। मैं उनसे कहता हूं कि समूह प्रतिस्पर्धा के लिए अच्छे हैं लेकिन पार्टी को नुकसान नहीं होना चाहिए। केएल शर्मा का कहना है कि वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठते हैं और जिससे उनकी दिक्कतों का समझा जा सके।

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