scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

संपादकीय: भ्रष्टाचार के तहखाने में नोटों की गड्डी, बड़ा सवाल- आ कहां से रहा है पैसा

क्या वजह है कि काले धन पर काबू पाने के लिए बनाए गए कायदे-कानून को लेकर सख्ती के दावों के बावजूद भ्रष्ट आचरण में लिप्त नेता या अफसर को कई-कई करोड़ रुपए नगद अपने घरों में छिपा कर रखने में कोई खौफ नहीं होता?
Written by: जनसत्ता
नई दिल्ली | Updated: May 07, 2024 09:15 IST
संपादकीय  भ्रष्टाचार के तहखाने में नोटों की गड्डी  बड़ा सवाल  आ कहां से रहा है पैसा
ED Raid: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के सहायक के ठिकाने पर ED की रेड हुई है। इस दौरान भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है।
Advertisement

लंबे समय से देश भर में काले धन के खिलाफ अभियान चल रहा है। जांच एजंसियां लगातार सक्रिय हैं। मगर तमाम कवायदों के बावजूद इस समस्या से पार पाना बड़ी चुनौती बनी हुई है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने झारखंड की राजधानी रांची में राज्य सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घरेलू सहायक के घर छापेमारी की, जिसमें पैतीस करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी बरामद हुई। खबर के मुताबिक, यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता से जुड़े मामले में हुई है, जिसे ईडी ने पिछले वर्ष धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था।

धनशोधन का सिरा मंत्री के निजी सचिव और उसके घरेलू सहायक से भी जुड़ा हुआ था, इसलिए ईडी ने उसे जांच और कार्रवाई के दायरे में लिया। सवाल है कि इतनी बड़ी रकम काले धन के रूप में किसी के घर में पड़ी थी, तो इस तरह का भ्रष्टाचार बिना किसी उच्च स्तरीय संरक्षण के चलना कैसे संभव है!

Advertisement

सवाल यह भी है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अभियान चलाने और इसके खात्मे के लिए हर स्तर पर कार्रवाई करते हुए पिछले आठ-वर्षों में जितने वादे और दावे किए गए, उसके मुकाबले कामयाबी कहां दिखती है! आखिर क्या वजह है कि हर कुछ दिनों बाद किसी नेता या अधिकारी के घर या दफ्तर में छापे मारे जाते हैं, वहां से करोड़ों रुपए नगद बरामद होते हैं? समझना मुश्किल है कि जांच एजंसियों की सघन कार्रवाइयों के बीच दीवार फोड़ कर कहां से इतनी भारी मात्रा में नगदी निकल आती है?

क्या वजह है कि काले धन पर काबू पाने के लिए बनाए गए कायदे-कानून को लेकर सख्ती के दावों के बावजूद भ्रष्ट आचरण में लिप्त नेता या अफसर को कई-कई करोड़ रुपए नगद अपने घरों में छिपा कर रखने में कोई खौफ नहीं होता? कहा जा सकता है कि सरकारी एजंसियां भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को खत्म करने को लेकर सक्रिय हैं। मगर यह भी सच है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने और संबंधित महकमों या एजंसियों की अति-सक्रियता के बावजूद इस समस्या पर काबू पाना आज भी मुश्किल साबित हो रहा है।

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
tlbr_img1 राष्ट्रीय tlbr_img2 ऑडियो tlbr_img3 गैलरी tlbr_img4 वीडियो