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15 साल से रह रहे थे लिव इन में, 7 लाख के विवाद में पत्थर काटने वाली मशीन से महिला के किए 6 टुकड़े, ऐसे खुला राज

जिस तरह आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाया था उसी तरह चंद्र मोहन भी अनुराधा के शव को ठिकाने लगाने की तैयारी कर रहा था।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Jyoti Gupta
May 25, 2023 17:45 IST
15 साल से रह रहे थे लिव इन में  7 लाख के विवाद में पत्थर काटने वाली मशीन से महिला के किए 6 टुकड़े  ऐसे खुला राज
प्रतीकात्मक तस्वीर (jansatta)
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श्रद्धा मर्डर केस याद है ना? हैदराबाद से उसी तरह का एक मामला सामने आया है। जिस तरह आफताब पूनावाला ने नवंबर 2022 में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर को 35 टुकड़ों में काट दिया था। उसी तरह 48 साल के बी चंद्र मोहन ने भी अपनी लिव इन पार्टनर को मार डाला। आरोपी ने महिला के शरीर को पत्थर काटने वाली मशीन से छह टुकड़ों में काटकर अपने घर के फ्रिज में रख लिया और लगातार रूम फ्रेशनर, अगरबत्ती छिड़कता रहा ताकि कमरे में बदबू ना फैले।

हत्या का खुलासा तब हुआ जब मूसी नदी के किनारे कूड़ा बिनने वाले लड़के ने महिला का कटा हुआ सिर देखा। उसने पुलिस को फोन किया। जिसके एक हफ्ते बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या के राज से पर्दा उठा दिया। महिला की पहचान अनुराधा रेड्डी के रूप में हुई है। वह 55 साल की थी। वह चैतन्यपुरी में अनुराधा मोहन के साथ रहती थी। वह ब्याज पर पैसे चलाती थी और नर्स का काम करती थी।

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पुलिस जब महिला के घर पहुंची तो वहां ताला लगा था। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि वह इसी घर में चंद्रमोहन के साथ रहती थी। वह 15 साल पहले ही अपने पति को छोड़कर आरोपी के पास आ गई थी। असल में आरोपी ने अनुराधा से 2018 में 7 लाख रुपये उधार लिए थे। इन दिनों अनुराधा अपने पैसे मांग रही थी। आरोपी पैसे लौटाने में असमर्थ था इसलिए उनसे अनुराधा को जान से मारने की साजिश रच डाली।

शव के टुकड़े फ्रिज में रखे थे

पुलिस ने जब अनुराधा के घर की तलाशी ली तो फ्रिज में से उसके शरीर के अंग मिले। आरोपी ने बदबू को छिपाने के लिए पूरे घर में रूम फ्रेशनर और परफ्यूम स्प्रे का इस्तेमाल किया था। पुलिस को आरोपी के घर से पत्थर काटने वाली मशीन, एक चाकू, फिनाइल और डेटॉल बरामद हुए हैं।

पुलिस ने बताया कि 15 मई को मोहन ने अपनी लिवइन पार्टनर अनुराधा के सीने में चाकू से वार कर दिया। इसके बाद उसने गूगल पर सर्च किया कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए। उसने यह भी सर्च किया कि शव को किन हथियारों से काटा जा सकता है? इसके बाद वह पत्थऱ काटने वाली मशीन लेकर आय़ा।

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जिस तरह आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को अलग-अलग हिस्सों में ठिकाने लगाया था उसी तरह चंद्र मोहन भी अनुराधा के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की तैयारी कर रहा था। उसने सबसे पहले महिला के सिर को मुसी नदी के किनारे फेंक दिया औऱ आराम से घर आ गया। जब पुलिस ने उसके घऱ में तलाशी ली तो देखा कि उसने अनुराधा के धड़ को पॉलीथिन में कवर कर सूटकेस में रख रखा था। वह अब इसे ठिकाने लगाने की तैयारी कर रहा था। महिला के दोनों हाथ औऱ पैर फ्रिज में रखे थे। मोहन की मां औऱ पड़ोसियों को हत्या की जरा भी भनक नहीं लगी। इस दौरान वह अनुराधा का फोन इस्तेमाल करता रहा। ताकि सभी को लगे कि वह जिंदा है औऱ कहीं औऱ रह रही है।

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