एक युग का अंत: रोहित शर्मा और विराट कोहली ने वर्ल्ड चैंपियन बनकर ली T20I से विदाई, राहुल द्रविड़ के कोचिंग करियर पर भी पूर्ण विराम
भारत के टी20 विश्व कप 2024 का विजेता बनने के साथ ही टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने जहां टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। वहीं, भारत का विजयी अभियान पूरा होने के साथ ही राहुल द्रविड़ के कोचिंग करियर पर भी पूर्ण विराम लग गया।
राहुल द्रविड़ का भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में कार्यकाल आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 तक ही था। बारबाडोस में भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने उन आलोचकों को चुप करा दिया, जिन्होंने उसके बिग-मैच टेम्परामेंट पर सवाल उठाए थे और क्रिकेट में आर्थिक महाशक्ति होने के बावजूद खिताब जीतने में विफल रहने पर मजाक उड़ाया था।
रोहित शर्मा ने बताया कि फाइनल की जीत का टीम के लिए क्या मायने है, खासकर पिछले साल 50 ओवर के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया से दिल तोड़ने वाली हार मिलने के बाद। इस टी20 विश्व कप की तरह भारत वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भी फाइनल से पहले तक अपराजित था, लेकिन बारबाडोस में टीम इंडिया ने वह मुकाबला जीत लिया जो वास्तव में मायने रखता है।
रोहित रोक नहीं पाए अपने आंसू
विश्व विजेता बनने के बाद रोहित शर्मा ड्रेसिंग रूम की ओट में चले गए और अपने आंसू पोंछते हुए बाहर आए। बाहर निकलते हुए वह कोहली से गले लगे और आंखों ही आंखों में शायद कहा- कर दिखाया। ये आंसू खुशी के थे। चेहरे पर दुनिया जीत लेने की खुशी थी। 2019 में रोहित ने वनडे वर्ल्ड कप में 5 शतक लगाए, लेकिन सेमीफाइनल में भारत हार गया।
2023 में वह एमएस धोनी की तरह बतौर कप्तान घरेलू मैदान पर विश्व कप जीतने के बहुत करीब थे, लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार झेली। तब अहमदाबाद के 1 लाख दर्शक क्षमता वाले नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ड्रेसिंग रूम के एक कोने में वह रोये थे।
प्रतियोगिता के सबसे बड़े दिन चला कोहली का बल्ला
एक और वरिष्ठ खिलाड़ी विराट कोहली को भी अपने आंसू रोकना मुश्किल लग रहा था। विराट कोहली का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में खामोश रहा, लेकिन प्रतियोगिता के सबसे बड़े दिन उन्होंने इसे बहुत शांति से संभाला। विराट कोहली टी20 इंटरनेशनल से संन्यास की घोषणा करते हुए बोले कि अब युवाओं के लिए कमान संभालने का समय आ गया है।
द्रविड़ के चेहरे पर था ‘मुक्ति’ का भाव
मैदान पर, पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ की भी आंखें गीली थीं। लेकिन ये खुशी के आंसे थे। उसी बारबाडोस में खुशी के आंसू जहां 2007 में द्रविड़ निराशा में रोये थे। राहुल द्रविड़ के चेहरे पर ‘मुक्ति’ का भाव साफ देखा जा सकता था। द्रविड़ की ही अगुआई में 2007 में कैरेबियाई धरती पर भारत का सबसे खराब विश्व कप अभियान रहा था।
2007 में कैरेबियाई धरती पर ही होना पड़ा था शर्मिंदा
2007 वनडे वर्ल्ड कप के लीग चरण में भारत के बाहर होने के बाद क्रिकेट प्रशंसकों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। खिलाड़ियों के पुतले जलाए गए, उनके घरों पर हमला किया गया। टीम में हर कोई अपने परिवार को लेकर चिंतित था, वे घर लौटने से डर रहे थे, लेकिन इस बार वापसी की उड़ान आरामदायक होगी।
रोहित-राहुल की एक जैसी ‘किस्मत’
रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ दो अलग-अलग व्यक्ति हैं। उनकी बल्लेबाजी और कप्तानी के तरीके अलग-अलग हैं। रोहित और द्रविड़ को अपने लंबे क्रिकेट करियर के दौरान लगभग एक जैसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ा। दुनिया भर में उन्हें महान क्रिकेटर्स के रूप में जाना जाता है, लेकिन उन्हें हमेशा दूसरे नंबर का खिलाड़ी माना गया।
अब विश्व चैंपियन रोहित शर्मा-राहुल द्रविड़
शायद इसलिए क्योंकि वे दोनों (राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा) सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली वाली टीमों का हिस्सा होते थे। ‘भगवान’ या ‘राजा’ की संगति में वे साधारण नाम वाले आम लोग बनकर रह गए थे। राहुल द्रविड़ दीवार थे तो रोहित शर्मा हिट-मैन। लेकिन अब दोनों ही विश्व चैंपियन हैं। एक विश्व विजेता कप्तान और दूसरा विश्व विजेता कोच।