Travel insurance: वेकेशन पर जाते समय क्यों जरूरी है ट्रैवल इंश्योरेंस? पूरी जानकारी लेकर करें सही फैसला
Why travel insurance is must for vacation: समर वेकेशन के दौरान अगर आप भी अपने दोस्तों या परिवार के साथ कहीं घूमने निकल रहे हैं या फिर अकेले की दुनिया की सैर करने का इरादा है, तो यहां दी जा रही है जानकारी आपके लिए काफी काम की है। किसी भी यात्रा के दौरान फ्लाइट कैंसिल होने, सामान खोने से लेकर मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बन सकते हैं। और यात्रा अगर लंबी और दूर देश की हो तो ऐसी दिक्कतों के आसार भी बढ़ जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में सत्तर प्रतिशत भारतीय यात्रियों को उड़ानें रद्द होने या री-शिड्यूल होने जैसे हालात का सामना करना पड़ा। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में हर साल करीब करीब 2।5 करोड़ सामान एयरलाइंस से ढुलाई के दौरान खो जाते हैं या डैमेज हो जाते हैं।
यात्रा से जुड़ी इन संभावित परेशानियों का जिक्र करने का मकसद आपकी छुट्टियों के जोश को कम करना नहीं है, सिर्फ़ यह बताना है कि ट्रैवल इंश्योरेंस मुसीबत के समय आपके काफी काम आ सकता है। इसीलिए लंबे और दूर के सफर पर निकलते समय ट्रैवल इंश्योरेंस लेने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। ट्रैवल इंश्योरेस के फायदों की पूरी जानकारी सही फैसला लेने में आपकी मदद कर सकती है।
ट्रिप कैंसिल होना या उसमें रुकावट आना
बीमारी, फेमिली इमरजेंसी, राजनीतिक अशांति या किसी अन्य इमरजेंसी के कारण आपको अगर अपनी ट्रिप कैंसिल करनी पड़ती है या बीच में खत्म करनी पड़ती है, तो फ्लाइट टिकट, होटल बुकिंग समेत तमाम नॉन-रिफंडेबल लागतों की भरपाई ट्रैवल इंश्योरेंस के जरिए की जाती है। अगर आप विदेश में हैं, तो कुछ बीमा कंपनियां इकॉनमी फ्लाइट से भारत लौटने की लागत को भी कवर करती हैं।
फ्लाइट में देरी या रद्द होना
अगर आपकी फ्लाइट कुछ घंटों से ज़्यादा लेट होती है, तो उससे हुए नुकसान और देर होने के कारण होटल और खाने-पीने के खर्चों को भी ट्रैवल इंश्योरेंस से कवर किया जाता है। अगर एयरलाइन ने आपको फ्लाइट लेट होने के कारण कोई मुआवजा दिया है, तो बीमा कंपनी अपने कवरेज में एडजस्ट कर सकती है। अगर एयरलाइन आपकी फ्लाइट को रद्द कर देती है या यात्रा के दौरान आपके परिवार के किसी सदस्य की बीमारी या मृत्यु की वजह से आपको यात्रा रद्द करनी पड़ती है, तो आपके नॉन-रिफंडेबल बुकिंग चार्जेज को भी बीमा पॉलिसी कवर करती है। इसके अलावा, अगर आप फ्लाइट में देरी या कैंसिलेशन के कारण उससे जुड़ी अगली कनेक्टिंग फ्लाइट मिस कर देते हैं, तो ट्रैवल इंश्योरेंस इसमें भी आपकी मदद करेगा, बशर्ते आप खुद बोर्डिंग के लिए सही समय पर पहुंच गए हों। सही ढंग से क्लेम करने के लिए आपको अपने सभी एनवॉयस, बोर्डिंग पास और एयरलाइन डिले सर्टिफिकेशन संभाल कर रखने चाहिए।
पर्सनल एक्सिडेंट और थर्ड पार्टी लायबिलिटी
ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में न सिर्फ एक्सिडेंट से हुए नुकसान की भरपाई का इंतजाम होता है, बल्कि हादसे में किसी की मौत हो जाए, तो नॉमिनी को मुआवजा भी दिया जाता है। इसके अलावा एक्सिडेंट के दौरान आपकी वजह से दूसरों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए थर्ड पार्टी लायबिलिटी भी कवर की जाती है।
चेक-इन बैगेज का नुकसान
ट्रैवल इंश्योरेंस में चेक-इन बैगेज खो जाने या डैमेज होने से हुए नुकसान की भरपाई का कवरेज भी दिया जाता है। इसके लिए आपको 24 घंटे के भीतर एक पीआईआर (Property Irregularity Report) और औपचारिक शिकायत दर्ज करानी होती है। सामान देरी से पहुंचने के मामलों में भी आपको पॉलिसी की शर्तों के मुताबिक मुआवजा मिलता है।
सामान की चोरी
सामान चोरी होने पर भी ट्रैवल इंश्योरेंस से आपको मुआवजा मिलता है। लेकिन इसके लिए आपको आपसे अपने लगेज में मौजूद चीजों की रसीद मांगी जा सकती है। क्लेम करने के लिए 24 घंटे के भीतर चोरी की रिपोर्ट करना भी जरूरी है।
मेडिकल इमरजेंसी
लंबी विदेश यात्रा के दौरान किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी आपके लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। विदेशों में इलाज का खर्च इतना अधिक हो सकता है, जिसका बोझ आपको आर्थिक रूप से बड़ा धक्का पहुंचा सकता है। आम तौर पर आपकी घरेलू हेल्थ पॉलिसी विदेश में लागू नहीं होती। इसलिए अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो मेडिकल इमरजेंसी को कवर करने वाला ट्रैवल इंश्योरेंस लेना न भूलें। ध्यान रखें कि आप जो भी प्लान खरीदें उसमें अस्पताल में भर्ती होने और आपातकालीन सर्जरी से लेकर दवा, डायग्नोस्टिक टेस्ट और एम्बुलेंस के खर्च तक, तमाम जरूरी चीजें शामिल हैं। देश के भीतर यात्रा करते समय मेडिकल इमरजेंसी के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए तो आमतौर पर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ही काफी होती है।