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8th Pay Commission: मोदी सरकार से 8वां पे-कमीशन तुरंत गठित करने का अनुरोध, इस संगठन ने केंद्र को लिखा पत्र

यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों से संबंधित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा। पढ़ें मिथिलेश झा की रिपोर्ट।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: संजय दुबे
नई दिल्ली | Updated: June 18, 2024 12:05 IST
8th pay commission  मोदी सरकार से 8वां पे कमीशन तुरंत गठित करने का अनुरोध  इस संगठन ने केंद्र को लिखा पत्र
एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी आयोग गठन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। (फाइल फोटो)
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8th Pay Commission: लोकसभा चुनाव खत्म होने और नई सरकार के सत्ता संभाल लेने के बाद ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग को गठित करने का आग्रह किया है। नया वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन में संभावित संशोधन को लेकर रिपोर्ट बनाएगा और अपनी सिफारिशें करेगा।

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भारतीय रेलवे कर्मचारियों की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है। इसमें केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के “वेतन/भत्ते/पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने” के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के तत्काल गठन की मांग की गई है।

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इसके गठन का एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों से संबंधित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।

8वां वेतन आयोग का गठन कब होगा?

7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 10 साल के अंतराल के साथ, अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए। केंद्र आमतौर पर दो अलग-अलग वेतन आयोगों के कार्यान्वयन के बीच 10 साल का अंतराल रखता है। लेकिन, केंद्र अगले वेतन आयोग के गठन के मामले में अब तक चुप रहा है। अब जबकि लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और मोदी 3.0 सत्ता में है, 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

अपने पत्र में एआईआरएफ ने सरकार से कहा है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर एक जनवरी 2016 से अमल किया गया था। हालांकि, जनवरी 2016 से न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 26,000 रुपये प्रति माह करने की मांग को खारिज कर दिया गया। 26,000 रुपये के न्यूनतम वेतन की गणना आईएलसी मानदंडों और डॉ. एक्रोयड फॉर्मूला आदि के विभिन्न घटकों के आधार पर की गई थी।

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क्या थी AIRF की न्यूनतम वेतन की मांग?

संघ ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उसने सीपीसी के समक्ष यह बात भी रखी है कि राष्ट्रीय परिषद (JCM) के कर्मचारी पक्ष के प्रस्तावित न्यूनतम वेतन अब भी कम है। "दुर्भाग्य से हमारे सभी तर्कों को 7वें सीपीसी ने बिना किसी आधार के खारिज कर दिया और न्यूनतम वेतन के रूप में 18,000 रुपये की सिफारिश की…।"

न्यूनतम मजदूरी की परिभाषा के अनुसार, यह पारिश्रमिक की वह न्यूनतम राशि है जिसे “नियोक्ता को एक निश्चित अवधि के दौरान किए गए कार्य के लिए वेतनभोगियों को देना आवश्यक है, जिसे सामूहिक समझौते या व्यक्तिगत अनुबंध द्वारा कम नहीं किया जा सकता है।”

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