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'लालू ने मुस्लिमों का हक मारा…', पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने आरजेडी से दिया इस्तीफा; जानें CBI की छापेमारी से छात्रों से रिश्वत लेने की कहानी

Bihar Politics: लालू प्रसाद यादव को लिखे अपने त्यागपत्र में अशफाक ने लिखा, 'मैं आपकी पार्टी से सामाजिक न्याय को ताकत देने के लिए जुड़ा था। आप जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देते थे, लेकिन आपने मुसलमानों की हकमारी की है।'
Written by: न्यूज डेस्क
Updated: April 13, 2024 09:57 IST
 लालू ने मुस्लिमों का हक मारा…   पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने आरजेडी से दिया इस्तीफा  जानें cbi की छापेमारी से छात्रों से रिश्वत लेने की कहानी
Lok Sabha Elections: आरजेडी चीफ और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव। (एक्सप्रेस फाइल)
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Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व राज्यसभा सासंद अशफाक करीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अशफाक ने लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। पत्र में अशफाक ने नाराजगी जताई है। उन्होंने लालू पर मुसलमानों का हक मारने का आरोप लगाया है।

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए अशफाक ने कहा कि मुसलमानों की आबादी के अनुरूप तो दूर सम्मानजनक हिस्सेदारी भी नहीं दी। ऐसी परिस्थिति में आरजेडी के साथ काम करना असंभव है। अशफाक ने कहा कि आप जातीय गणना कराने और उचित हिस्सेदारी की सिर्फ बात करते थे, लेकिन मुसलमानों का हक मारा गया।

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लालू प्रसाद यादव को लिखे अपने त्यागपत्र में अशफाक ने लिखा, 'मैं आपकी पार्टी से सामाजिक न्याय को ताकत देने के लिए जुड़ा था। आप जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देते थे, लेकिन आपने मुसलमानों की हकमारी की है। इसलिए आरजेडी के साथ राजनीति करना मेरे लिए संभव नहीं है। इस दौरान अशफाक ने लालू के अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की।'

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अशफाक लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी से टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराज थे। उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा गया। इसको लेकर भी नाराजगी थी। अशफाक कटिहार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनको आरजेडी ने टिकट नहीं दी। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने यहां से तारिक अनवर को मैदान में उतारा है।

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कौन हैं अशफाक करीम?

अशफाक करीम पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। वो बिहार के कटिहार इलाके से आते हैं। अशफाक करीम एक व्यवसाई होने के साथ साथ एक शिक्षाविद और राजनीतिज्ञ भी हैं। अशफाक करीम ने बी. फार्मा भी किया है और सोशल साइंस में डाक्ट्रेट भी हैं। उन्होंने कटिहार मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी की।

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जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई कर चुकी उनके यहां छापेमारी

अहमद अशफाक करीम के बिजनेस की अगर बात करें तो उन्हें बिहार में बहुत बड़ा शिक्षा का साम्राज्य खड़ा कर रखा है। वो अल करीम एजुकेशनल ट्रस्ट के को-फाउंडर, अल करीम यूनिवर्सिटी, कटिहार के फाउंडर चांसलर और कटिहार मेडिकल कॉलेज के एमडी और फाउंडर चेयरमेन हैं। इसके अलावा वो लोक जनशक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सीबीआई उनके यहां जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप में छापेमारी भी कर चुकी है।

अशफाक पर छात्रों से रिश्वत लेने का लग चुका आरोप

अशफाक करीम (Ashfaque Karim) मेडिकल व्यवसाय (Medical Buisness) से जुड़े हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितनी भारी संपत्ति के मालिक हो सकते हैं। साल 2013 में उनको जेल की हवा भी खानी पड़ी थी जब मेडिकल कॉलेज (Medical College) में दाखिला देने के लिए छात्रों से रिश्वत लेने का आरोप लगा था।

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