Manipur: 6 FIR दर्ज- 10 आरोपी गिरफ्तार, मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में CBI, वायरल वीडियो मामले में आया बड़ा अपडेट
केंद्र द्वारा मणिपुर हिंसा की जांच CBI को सौंपे जाने के बाद सीबीआई ने हिंसा और साजिश से संबंधित 6 FIR दर्ज की हैं, जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, 7वीं एफ़आईआर भी दर्ज करने की तैयारी है। केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र किए जाने संबंधी घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी है और कहा कि सरकार का रुख महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को बिल्कुल बर्दाश्त न करने का है।
गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के जरिए दाखिल हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया ताकि मुकदमे की सुनवाई समय से पूरी हो सके। वहीं, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में सेना के एक जवान समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर फौबाकचाओ इखाई इलाके में बृहस्पतिवार को सुबह गोलीबारी शुरू हुई और विद्रोहियों के भागने तक देर रात लगभग 15 घंटे तक गोलीबारी चलती रही।
मणिपुर में फिर गोलीबारी
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में हो रही गोलीबारी के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। मणिपुर पुलिस के घायल कमांडो की पहचान नामीराकपम इबोम्चा के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि वहां उड़ रहे ड्रोन में उग्रवादियों की अपने कुछ साथियों को ले जाते हुए कुछ तस्वीरें आई हैं। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि कार्रवाई में वे घायल हुए या मारे गए।
गौरतलब है कि मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि वह वीडियो से बहुत व्यथित है और हिंसा के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया था।
जिसके बाद केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, ‘‘मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखे एक पत्र में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी अत: जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।’’ हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि जांच जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए और मुकदमे की सुनवाई समय से पूरी हो इसके लिए सुनवाई मणिपुर के बाहर होनी चाहिए।