Manipur News: 'चुप्पी विकल्प नहीं', NE के सीएम बोले- वीडियो अमानवीय, सिर्फ केंद्र ही दे सकता है सॉल्यूशन
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर में हंगामा मचा हुआ है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में उसने मणिपुर सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किये हैं। वहीं, दूसरी ओर NDA में भाजपा के सहयोगियों सहित पूर्वोत्तर की पार्टियों ने घटना की निंदा करते हुए सीएम एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा, जो मिज़ो नेशनल फ्रंट से संबंधित हैं ने वीडियो को क्रूर, निर्दयी, जघन्य, घृणित और पूरी तरह से अमानवीय कहा। उन्होंने कहा, “पूरे क्षेत्र को मणिपुर की बड़ी समस्या के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जिसे वास्तव में केवल केंद्र सरकार ही हल कर सकती है।
चुप्पी कोई विकल्प नहीं- मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा
सीएम ने कहा कि कई लोगों की जान चली गई है, हर तरफ खून-खराबा हुआ है, शारीरिक यातनाएं दी गई हैं और पीड़ित जहां भी संभव हो शरण की तलाश कर रहे हैं। मिजोरम सीएम ने कहा कि बिना किसी संदेह के वे पीड़ित मेरे परिजन और रिश्तेदार हैं, मेरा अपना खून है और क्या हमें चुप रहकर स्थिति को शांत कर देना चाहिए? मुझे ऐसा नहीं लगता, चुप्पी कोई विकल्प नहीं है।
मेघालय के सीएम ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए
मेघालय के सीएम कोनराड संगमा जिनकी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) भी एनडीए का हिस्सा है, उन्होंने कहा कि वह मणिपुर में हालिया घटना से बेहद परेशान हैं। किसी भी इंसान की गरिमा को छीनना सबसे अपमानजनक और अमानवीय कृत्य है। मैं ऐसी हरकतों की कड़ी निंदा करता हूं। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मणिपुर के सांसद आर लोरहो फोज़े, जो भाजपा के मणिपुर गठबंधन सहयोगी नेशनल पीपुल्स फ्रंट से हैं, उन्होंने कहा कि राज्य मशीनरी विफल हो गई है और सीएम बीरेन सिंह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें नैतिक रूप से इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। एक वीडियो संदेश में टिपरा मोथा के संस्थापक प्रद्योत देबबर्मा ने कहा, “मुझे घिन आती है। अपने पूरे जीवन में, जब भी भारत में हमारी महिलाओं पर हमला किया गया या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हम खड़े हुए हैं। हमने शेष भारत को हमेशा बताया है कि उत्तर पूर्व में ऐसा नहीं है। लेकिन जीवन में पहली बार मुझे शर्म आ रही है कि हमारे आसपास ऐसा हुआ है।”